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लखनऊ

राज्यपाल रामनाईक ने बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन के लिए कही यह बात

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6 years ago
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इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, लखनऊ की महापौर डाॅ0 संयुक्ता भाटिया, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय, पूर्व मंत्री डाॅ0 अम्मार रिज़वी, मंत्रीमण्डल के सदस्यगण व विशिष्ट नागरिक जन उपस्थित थे।

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राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने लालजी टण्डन को बिहार का राज्यपाल नियुक्त करके अभिनंदन करने का अवसर दिया। लालजी टण्डन ने समाज सेवा से लेकर राजनीति में विभिन्न भूूमिकाओं में काम करते हुए राज्यपाल पद तक का सफर तय किया। बिहार के राज्यपाल के नाते संविधान के अनुरूप अपने दायित्यों का निर्वहन ऐसे करे कि लोग उन्हें लम्बे समय तक याद करें।

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उन्होंने श्री एस0एस0 उपाध्याय द्वारा लिखित पुस्तक ‘गर्वनर्स गाइड’ बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन को भेंट किया। राम नाईक ने लालजी टण्डन की छवि को स्व0 अटल जी की छाया जैसी बताते हुए कहा कि जैसे दिल्ली में शिव कुमार को अटल की छाया कहा जाता था उसी प्रकार लखनऊ में लालजी टण्डन को अटल जी की छाया माना जाता था। लालजी टण्डन की पहचान पूरे लखनऊ में बाबू जी के रूप में बनी है। वे सभी की बात पूरी संवेदनशीलता से सुनकर अपने तरफ से सहयोग व समाधान करते हैं, उनकी पुस्तक ‘अनकहा लखनऊ’ से लखनऊ की विशेषता देखने को मिलती है।

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राम नाईक ने सुझाव दिया कि बिहार के राज्यपाल रहते हुए लालजी टण्डन समय निकालकर अपने संस्मरणलिखेंगे तो आम लोगों को पता चलेगा कि एक जमीनी कार्यकर्ता कैसे आगे बढ़ता है। लालजी टण्डन वास्तव में लखनऊ के चलते-बोलते ज्ञान कोष की तरह हैं। उन्होंने कहा कि ‘रोल माॅडल’ के रूप में बिहार के राज्यपाल का दायित्व निभायें

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बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन ने अभिनंदन समारोह में आये सभी महानुभावों एवं लखनऊ निवासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि लखनऊ ने उन्हे बहुत कुछ दिया है।

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70 वर्षों से वे समाज की सेवा कर रहे हैं, पीढ़ियां बदल गयी पर रिश्ते आज भी उतने ही मधुर हैं। उन्होंने कहा कि पीढ़ियों के बदलने से रिश्ते खत्म नहीं होते इसलिए लखनऊ के सभी निवासी आज भी उनके लिए अपने हैं।

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