फेल हुए 564 नमूने प्रदेश की सरकार ने जब इसकी जांच कराई तो वह जांच में 32 नमूने असुरक्षित मिले। अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन के निर्देश पर अगस्त में सब्जियों की जांच के लिए यह अभियान चलाकर करें। 600 नमूने लिए गए इनमें से 564 नमूने मानक के अनुरूप मिले। वहीं शेष नमूने फेल हो गए।
जागरूकता अभियान चलाने के दिए निर्देश जांच में कहा गया कि सब्जियों को ताजा दिखाने की आड़ में जहरीला रंग लगाया जा रहा है। जिसका असर हमारी सेहत में पड़ रहा है। लोग बीमार हो रहे हैं और कैंसर की संभावनाएं बढ़ रही है। वही लीवर और किडनी भी प्रभावित हो रही है, वहीं सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए अभियान चलाने और लोगों को मिलावटी और रंगीन सब्जियों के प्रति जागरूकता करने के निर्देश दिए हैं।
इन बातों का रखें ध्यान इन दिनों उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्पादक जाने कितने कैमिकल और रासायनिक खाद का उपयोग करते है। दिन प्रतिदिन यह चलन बढ़ता ही जा रहा है। जिसका सीधा प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ रहा है जो हमारे शरीर को बीमारी का घर बना रहा है।
ये जहरीले कीटनाशक हैं शामिल उत्पाोदन बढ़ाने और समय पर सब्जियां पाने के लिए सब्जीो उत्पा।दक इनमें तरह तरह के रसायनों का छिड़काव कर रहे हैं। इन जहरीले कीटनाशको में एलाक्लोर, डिकोफोल, कारबॉलोन्नइन जैसे कई कीटनाशक शामिल हैं। जो विदेशो में तो बैन है लेकिन भारत में इनका प्रयोग धड़ल्ले से होता है।