सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की एक महिला सिपाही की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सिपाही अर्चना सिंह अपने ऑफिस में काम कर रही हैं। पास ही में उनका 6 महीने का बच्चा सोया हुआ है। सोशल मीडिया पर लोग ‘मदरकॉप’ का खिताब देते हुए अर्चना की खूब तारीफ कर रहे हैं। डीआईजी सुभाष सिंह बघेल ने अर्चना को एक हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। कोतवाल उमेश चंद्र त्रिपाठी ने अर्चना की परीक्षा केंद्र से ड्यूटी हटाकर कोतवाली के रिशेप्शन पर लगा दी है। अब डीजीपी के आदेश के बाद अर्चना काफी खुश हैं।
ट्रांसफर के लिए किया था आवेदन
झांसी में अर्चना के साथ कोई और नहीं है, इसलिए वह अनिका को अपने साथ ही ड्यूटी पर ले जाती हैं। उनके पति गुड़गांव में एक प्राइवेट नौकरे करते हैं। एक और बड़ी बेटी है, जो कानपुर में दादा-दादी के साथ रहकर पढ़ाई कर रही है। अर्चना अपना ट्रांसफर अपने गृह जनपद आगरा में करवाना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने बीते अगस्त महीने में आवेदन भी किया था। अर्चना बताती हैं कि उनके माता-पिता आगरा में रहते हैं, इसलिये वह अपने गृह जनपद में तैनाती चाहती हैं। कहा कि वहां बच्ची की देखभाल हो सकेगी और वह अच्छे से अपनी ड्यूटी भी कर सकेंगी। अर्चना ने बताया कि पिछले महीने ही उन्होंने 6 माह की लीव पूरी होने के बाद ही वह ड्यूटी ज्वॉइन की है।
झांसी में अर्चना के साथ कोई और नहीं है, इसलिए वह अनिका को अपने साथ ही ड्यूटी पर ले जाती हैं। उनके पति गुड़गांव में एक प्राइवेट नौकरे करते हैं। एक और बड़ी बेटी है, जो कानपुर में दादा-दादी के साथ रहकर पढ़ाई कर रही है। अर्चना अपना ट्रांसफर अपने गृह जनपद आगरा में करवाना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने बीते अगस्त महीने में आवेदन भी किया था। अर्चना बताती हैं कि उनके माता-पिता आगरा में रहते हैं, इसलिये वह अपने गृह जनपद में तैनाती चाहती हैं। कहा कि वहां बच्ची की देखभाल हो सकेगी और वह अच्छे से अपनी ड्यूटी भी कर सकेंगी। अर्चना ने बताया कि पिछले महीने ही उन्होंने 6 माह की लीव पूरी होने के बाद ही वह ड्यूटी ज्वॉइन की है।
हर वक्त ड्यूटी को तैयार रहती हैं अर्चना
पुलिस की नौकरी का जिक्र करते हुए अर्चना कहती हैं कि वैसे तो हमें हर वक्त ड्यूटी के लिये तैयार रहना होता है, लेकिन स्टाफ के सपोर्ट के कारण नौकरी के घंटे आसानी से कट जाते हैं। अर्चना अपनी 6 माह की बेटी को लेकर नाइट ड्यूटी भी करती हैं। इसके लिए उन्होंने एक बैग तैयार किया है, जिसमें जरूरत की सभी चीजें पहले से होती हैं, बस उसमें दूध की बोतल रखनी होती है।
पुलिस की नौकरी का जिक्र करते हुए अर्चना कहती हैं कि वैसे तो हमें हर वक्त ड्यूटी के लिये तैयार रहना होता है, लेकिन स्टाफ के सपोर्ट के कारण नौकरी के घंटे आसानी से कट जाते हैं। अर्चना अपनी 6 माह की बेटी को लेकर नाइट ड्यूटी भी करती हैं। इसके लिए उन्होंने एक बैग तैयार किया है, जिसमें जरूरत की सभी चीजें पहले से होती हैं, बस उसमें दूध की बोतल रखनी होती है।