2 लाख की संख्या का विषय समझते हुए महन्त देव्यागिरि ने कहा कि 2 संख्या द्वैतवाद को दर्शाता है द्वैतवाद दर्शन से सम्बन्धित एक वाद है, जिसके प्रणेता मध्वाचार्य थे। ‘एक’ से अधिक की स्वीकृति होने के कारण यह ‘द्वैत’ तथा ‘त्रैत’ दोनों ही नामों से अभिहित है। इस दर्शन के अनुसार प्रकृति, जीव तथा परमात्मा तीनों का अस्तित्त्व मान्य है।
आदि माँ गोमती महाआरती के साथ मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा। मध्वाचार्य ने ‘भाव’ और ‘अभाव’ का अंकन करते हुए भ्रम का मूल कारण अभाव को माना है। इस मत में विभिन्न दर्शनों में से अनेक तत्त्व गृहीत हैं। द्वैत में भेद की धारणा का बड़ा महत्त्व है। ये दीये जला विश्व शांति का संदेश दिया जाएगा। वही कार्यक्रम के दूसरे भाग में सांध्यकाल मे भव्य नमोस्तुते माँ आदि गोमती महाआरती कर मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा।
सनातन संध्या में की गई महाकाल की महाआरती। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार देव दीपावाली की पूर्व पर महादेव महाआरती का अपना ही महत्व है, इस परम्परा को ध्यान में रखते हुए संध्याकाल में विहंगम महाआरती का अजोजन मंदिर प्रांगण में किया गया, जिसमे समस्त भक्तगणों ने महादेव की आराधना कर देव दीपावली के महत्व को महन्त देव्यागिरि से समझा
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