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कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए खुलेंगे 2700 केंद्र: दिनेश शर्मा

locationलखनऊPublished: Nov 29, 2018 12:19:27 am

Submitted by:

Prashant Srivastava

डिप्टी उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देंने के लिए 2700 कौशल विकास केन्द्र खोलने जा रही है।

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Dinesh Sharma

लखनऊ. डिप्टी उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देंने के लिए 2700 कौशल विकास केन्द्र खोलने जा रही है। जो छात्रों का स्किल डेवलप करने के लिए ऐसा मोबाइल एप बनाया जा रहा है कि 15 किलोमीटर के दूरी पर स्थित विद्यालयों, महाविद्यालयों के छात्र भी इससे जुड़ जाए। जिससे विश्वविद्यालयों, कॉलेजों के छात्रों को अब रोजगार के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि आज का समय नई तकनीकी का युग है, आज लोगों की सोच बदल रही है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि देश की नौजवान आबादी की प्राथमिकता क्या हैं और उनकी प्राथमिकताओं के हिसाब से ही उनकी आवश्यकताओं को पूरा किए जाने का प्रयास किया जाए। समय के परिवर्तन के साथ पढ़ाई के उपक्रम और पठन-पाठन की प्रणाली में बदलाव आया है।
उन्होंने कहा कि आधुनिकता के साथ हमें अपनी विरासत और संस्कृति के साथ तारतम्य बनाकर आगे चलना होगा। डॉक्टर दिनेश शर्मा बुधवार को डाॅ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, थिंक इण्डिया एवं कला मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव ‘शब्द रंग’ के समापन के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि साहित्य महोत्सव ‘शब्द रंग’ में आए हुए छात्र छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। भारत नौजवानों का देश है, भारत की कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा है। जहां विश्व के विभिन्न देश अपनी बुजुर्ग आबादी की बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या से ग्रसित हैं वहीं भारत को अपनी नौजवान आबादी का बहुत बड़ा लाभ है। भारत का यही नौजवान आबादी बदलती हुई दुनिया के साथ भारत को विश्व मंच पर आगे ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि समाज एक समूह है जिसमें लोगों को एक दूसरे के हितों का चिंतक होना चाहिए और एक दूसरे के आवश्यकताओं की पूर्ति में ही अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति और लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए। मुख्य वक्ता एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि संवेदना जागृत करना ही सही मायने में साहित्य सृजन है। अर्थात् संवेदना ही साहित्य है। अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन को श्रेष्ठ बनाने वाला ही सफल है। उन्होंने कहा कि अनुभव जब अनुभूति में बदलता है तो वह साहित्य बन जाता है। भारत माता के चरणों में बैठकर ही श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो सकता है।
नरेंद्र तनेजा बने मेरठ यूनिवर्सिटी के कुलपति

प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय श्री राम नाईक ने प्रो0 नरेन्द्र कुमार तनेजा कुलपति चोेेधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ को चोेेधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का कुलपति नियुक्त किया है।राज्यपाल ने प्रो0 नरेन्द्र कुमार तनेजा को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए चोेेधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का कुलपति नियुक्त किया है।

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