ऐतिहासिक झील में कब्जे को लेकर एलडीए के स्तर पर हवा हवाई कार्रवाई की जा रही है। प्रकरण में भाजपा राजपूत के भी एलडीए के विरोध में आने पर मामले तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को तीनों विभागों की टीम पैमाइश करने पहुंची थी। बुधवार को भाजपा विधायक कैलाश राजपूत के विरोध व मंडलायुक्त अनिल गर्ग के निर्देश पर गुरुवार को एलडीए के तहसीलदार राम शंकर, आमीन, एक्सईन रोहित खन्ना, नगर निगम से स पत्ति विभाग के तहसीलदार देशदीपक सिंह, कानूनगो सुरेंद्र कुमार व सरोजनी नगर तहसील की टीम पैमाइश करने पहुंची। टीम के मौके पर पहुंचते ही आवंटियों ने विरोध शुरू कर दिया और बंधक बना लिया। लेकिन साथ में मौजूद पुलिस फोर्स व पीएसी के चलते विरोध शांत हो गया। एलडीए की ओर से कहा गया कि विवाद निपटारे व कोर्ट में दाखिल एफिडेविट के आधार पर झील का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके लिए टोटल स्टेशन मशीन सर्वे का काम शुरू किया गया। वहीं विधायक कैलाश राजपूत ने एलडीए से कहा कि अगर सीमांकन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई तो मु यमंत्री से इसकी शिकायत की जाएगी। जबकि आवंटियों ने कहा आवंटन के बाद हम कब्जा का इंतजार कर रहे हैं। आवंटी धरना प्रदर्शन की धमकी देने लगे। लेकिन समझाबुझाकर शाम तक सीमांकन किया गया। तहसीलदार देशदीपक सिंह ने बताया कि एलडीए रिपोर्ट तैयार करेगा। शुक्रवार को टोटल स्टेशन मशीन से सीमांकन करने वाली एजेंसी अपनी रिपोर्ट देगी। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक का प्लाट झील में नहीं आ रहा है जबकि कुछ आवंटी इसकी जद से बाहर हो जाएंगे। एलडीए ने झील में वर्ष 2005 में 40 आवंटियों को प्लाट आवंटित किए थे। लंबे समय से चले आ रहे विवाद को लेकर आवंटी कई बार एलडीए में विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। हाल ही में एलडीए के साथ बैठक हुई जिसके बाद आवंटियों ने झील में कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया। वहीं एलडीए ने इसे मौन सहमति दे दी। मामले को संज्ञान में लेते हुए नगर निगम ने पांच लोगों के खिलाफ अवैध कब्जा किए जाने को लेकर थाने में रिपोर्ट कर दी। वहीं एलडीए से कार्रवाई करने का पत्र लिख दिया।