ये भी पढ़ें- डिंपल यादव के संसदीय क्षेत्र से अखिलेश ने पहली बार साध्वी प्रज्ञा पर किया हमला, कहा- अधिकार नहीं उन्हें… राजभर ने नहीं मानी थी भाजपा की शर्त- घोसी लोकसभा सीट पर हरिनारायण भाजपा की पहली पसंद नहीं थे। वे चाह रहे थे कि उनके सहयोगी दल सुभासपा के अध्यक्ष ओम्प्रकाश राजभर या उनके पुत्र अरविंद राजभर भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ें, लेकन सिंबल वाली शर्त ओमप्रकाश राजभर को नमंजूर थी।यही नहीं राजभर ने कुछ दिन पहले ही यूपी की ३९ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए थे। साफ थी कि राजभर भाजपा से समझौता करने के कतई मूड में नहीं थे, इसलिए आखिरकार भाजपा ने हरिनारायण राजभर को घोसी से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं सुभासपा से महेंद्र राजभर घोसी से उम्मीदवार हैं।
ये भी पढ़ें- सोनिया गांधी का नामांकन रद्द करने के मामले में हुई बड़ी माथापच्ची, अंत में लिया गया यह फैसला फिर जताया हरिनारायन पर भरोसा- भाजपा ने अंतत: घोसी सीट पर अपने ही सिपहसालार पर भरोसा जताया है। 2014 में पहली बाद इस संसदीय सीट पर भगवा परचम लहराया था। हरिनरायन राजभर को ही दोबारा मैदान में उतारे जाने के पीछे राजभर फैक्टर और अपने आधार पर वोटों के बल पर जीत का मंसूबा भाजपा ने बांधा है।