आठ साल और आठ महिलाओं ने मिलकर यह प्रयास किया कृष्ण कुमार शुक्ला ने बताया कि Tulsi का महत्व हिन्दुओं के विभिन्न ग्रंथों में बताया गया है। इसी लिए पहले हर आंगन में Tulsi होती थी। आधुनिक फ्लैट कलचर में तुलसी दिनचर्या से दूर हो गई है। ऐसे में आठ साल और आठ महिलाओं ने मिलकर यह प्रयास किया कि क्यों न आधुनिक मांग के अनुरूप Tulsi के उत्पाद तैयार किये जाएं।
Tulsi अर्क से गायब होती हैं कई बीमारिया उन्होंने जो Tulsi अर्क तैयार किया है वह मधुमेह, सरदर्द, बुखार, नजला, श्वास रोग, सफेद दाग, मलेरिया, पायरिया तक में लाभकारी है। Tulsi चाय में ब्रम्हमी, मुलैठी, शंखपुष्पी, दालचीनी, लांग, इलायची, अर्जुन छाल का मिश्रण तैयार किया गया है। तुलसी माला और तुलसी बीज के साथ ही फेस पैक भी तैयार किया गया। फेसपैक से चेहरे के पिंपल्स और झांइया तक दूर हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि उनके समूह से प्रति महिला इससे अमूमन छह हजार रुपए की आय होने लगी है। उन्होंने बताया कि काली तुलसी या वृंदा कैंसर तक में लाभकारी होती है।
गर्भवती स्त्रियां इसका प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें। Tulsi से मोटापा तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके नियमित प्रयोग से लाल रक्त कणिकाएं बढ़ती है जिससे शरी की रोग प्रतिरोधकता क्षमता बढ़ती है। सावधानियों के बारे में उन्होंने बताया कि अर्क के इस्तेमाल के बाद एक घंटे तक दूध नहीं पीना चाहिए और गर्भवती स्त्रियां इसका प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें।