जानें क्या है सुधा की सक्सेस स्टोरी
सुधा भले ही आज दुनिया की जानी मानी एथलीट हों लेकिन बचपन में उनका मन पढ़ाई से ज्यादा स्पोर्ट्स में लगता था। गांव में बच्चों से रेस लगाना, पत्थर फेंकना, पेड़ों से कूदना उन्हें पसंद था। सुधा के मुताबिक, कभी-कभी तो घर में सब परेशान हो जाते थे, फिर भी वो उनके स्पोर्ट्स को बढ़ावा देते थे। लेकिन एक बेसिक पढ़ाई तो सभी को करनी होती है, इसलिए उन्हें फोर्स किया जाता था। वो कहती हैं कि ट्यूशन पढ़ने न जाना पड़े इसलिए वो उसके 10 मिनट पहले ही दौड़ने निकल जाती थीं। पढ़ाई से बचने के लिए भागने की आदत ने कब मुझे एथलीट बना दिया मालूम ही नहीं चला।
सुधा भले ही आज दुनिया की जानी मानी एथलीट हों लेकिन बचपन में उनका मन पढ़ाई से ज्यादा स्पोर्ट्स में लगता था। गांव में बच्चों से रेस लगाना, पत्थर फेंकना, पेड़ों से कूदना उन्हें पसंद था। सुधा के मुताबिक, कभी-कभी तो घर में सब परेशान हो जाते थे, फिर भी वो उनके स्पोर्ट्स को बढ़ावा देते थे। लेकिन एक बेसिक पढ़ाई तो सभी को करनी होती है, इसलिए उन्हें फोर्स किया जाता था। वो कहती हैं कि ट्यूशन पढ़ने न जाना पड़े इसलिए वो उसके 10 मिनट पहले ही दौड़ने निकल जाती थीं। पढ़ाई से बचने के लिए भागने की आदत ने कब मुझे एथलीट बना दिया मालूम ही नहीं चला।
उम्र का हौसले से मतलब नहीं 18वें एशियाई गेम्स में 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर जनपद रायबरेली की 32 वर्षीय सुधा ने मेडल जीतने के बाद कहा कि मैंने उन लोगों के सामने आपको साबित कर दिया जो यह कहते थे कि मेरी उम्र पदक जीतने की नहीं रही. मैं पानी इस जीत के लिए अपने कोच को धन्यवाद कहना चाहती हूं। गौरतलब है कि रायबरेली की रहने वाली सुधा सिंह ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में 40.03 सेकंड का समय लेकर रजत पदक हासिल किया. यह उनका एशियाई गेम्स में दूसरा पदक है।
पहले भी जीते हैं मेडल सुधा ने इससे पहले उन्होंने एशियाई खेल में स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। रायबरेली की रहने वाली 32 वर्षीय खिलाड़ी ने इससे पहले 2010 में चीन के ग्वांगझू में हुए एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। वह पिछले एशियाई खेलों (इंचिओन) में पदक नहीं जीत पाई थीं। जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह ने महिला 3,000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक अपने नाम कर लिया। सुधा ने नौ मिनट 40.03 सेंकेंड में दूरी तय करते हुए यह सफलता हासिल की। यह यह भारत का दिन का तीसरा पदक और दूसरा रजत है। सुधा सिंह के रजत पदक जीतने पर आज जकार्ता स्थित एशियन गेम्स विलेज में एशियन गेम्स में भारतीय दल के चीफ डी मिशन बृजभूषण शरण सिंह (भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष), एशियन गेम्स में आईओए के प्रतिनिधि आनन्देश्वर पाण्डेय (कोषाध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ) और डा.आरपी सिंह (खेल निदेशक, यूपी) ने मुलाकात कर बधाई देते हुए निकट भविष्य में भी अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं दी।