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यूपी में बीजेपी को लगा सबसे बड़ा झटका! लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़े सहयोगी दल ने कर दिया यह ऐलान

locationलखनऊPublished: Feb 21, 2019 03:14:06 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

पिछड़ा वर्ग आयोग में उनके बताये नामों को पदाधिकारी न बनाये जाने को लेकर अनुप्रिया पटेल काफी नाराज हैं

BJP

यूपी में बीजेपी को लगा सबसे बड़ा झटका, लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़े सहयोगी दल ने कर दिया यह ऐलान

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जातियों को साधने की राजनीति शुरू हो गई है। सूबे की करीब 35 फीसदी पिछड़ी जातियों को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा में शामिल दलों में ही आपस में जंग छिड़ गई है। पिछड़ा वर्ग को तीन वर्गों में बांटने को लेकर पहले से ही नाराज चल रहे सुभासपा के अध्यक्ष और योगी मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बाद अब मोदी मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी भाजपा से रूठ गई हैं। उन्होंने भाजपा नेतृत्व को मंगलवार की शाम तक अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद उन्होंने कोई निर्णय लेने की धमकी देते हुए तमाम लगाये हैं।
सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री योगी ने पिछड़ों को लेकर कई घोषणाएं की थीं, लेकिन उनमें से ज्यादातर कोरी ही साबित हुईं। सबसे बड़ा वादा पिछड़ों को तीन उपजातियों में बांटने का था। ताकि उन्हें आरक्षण का सही लाभ मिल सके। राजभर ने इस मुद्दे को अपना एजेंडा बना लिया और जब तक इसको लेकर वह योगी मंत्रिमंडल को धमकियां देते रहे हैं। योगी ने फिलहाल उन्हें मना लिया है, लेकिन उन्होंने 24 फरवरी तक अपनी सभी मांगें पूरी होने की शर्त रखी है।
अनुप्रिया रूठ गईं
लंबे समय बाद गठित पिछड़ा वर्ग आयोग में अपने मनपसंद लोगों को न बिठा पाने पर क्षुब्ध होकर उन्होंने पिछड़ा वर्ग विभाग मुख्यमंत्री को लौटा दिया था। मान-मनौव्वल के बाद उनके बिगड़े सुर सुधरे तो कुर्मियों की नेता अनुप्रिया पटेल रूठ गईं। पिछड़ा वर्ग आयोग में उनके बताये नामों को पदाधिकारी न बनाये जाने को लेकर वह काफी नाराज हैं। इसके अलावा उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की नीतियों में भी उनकी नहीं सुनी जाती। इसी तरह के कुछ और गंभीर आरोपों को लगाते हुए उन्होंने मोदी और योगी दोनों नेताओं के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है।
Anupriya
अब भाजपा क्या करेगी?
देखना है कि उत्तर प्रदेश में 12 प्रतिशत कुर्मी-पटेल मतों की एकमात्र नेता बताने वाली अनुप्रिया की बातों को और उनके आरोपों को भाजपा कितना तवज्जो देती है। लेकिन माना यह जा रहा है कि जैसे-जैसे चुनाव तारीख नजदीक आ रही है, ज्यादा सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा गठबंधन में शामिल दल भी दबाव बनाओ नीति के तहत आंखें तरेरने लगे हैं।

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