फिर लाठीचार्ज, महिलाओं ने किया पलटवार
लखनऊ में हजरगंज चौराहे पर स्थित गांधी प्रतिमा व विधानसभा के करीब दूसरे दिन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं का जोरदार प्रदर्शन जारी है। सोमवार देर रात लाठीचार्ज और पानी की बौछार से तितरबितर किए जाने से कई प्रदर्शनकारी चोटिल हो गई थी। इसके बाद पूरी रात उन्होंने सड़क पर ही काटी। वहीं मंगलवार सुबह एक बार फिर हजारों महिलाओं ने अपनी वेतन, नौकरी समेत कई सूत्री मांगें पूरी करने को लेकर आवाज उठाई। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले बिना जाने से इंकार करते हुए हंगामा किया। इस बीच पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार झड़प हुई। दो दिन से दो रहे हंगामें से पुलिस व प्रशासन काफी परेशान हो चुका है, इसलिए मंगलवार को एक बार फिर स्थित काबू से बाहर जाने पर लाठीचार्ज की नौबत आन पड़ी। इससे गुस्साई महिलाओं ने भी पुलिस पर पत्थर चलाने शुरु कर दिए। प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही है। लेकिन पुलिस और प्रशासन जानबूझकर उन्हें उकसाने का प्रयास कर रहा है। पुलिस की बर्बरता के चलते कई महिलाएं लाठीचार्ज और पानी की बौछार में पहले ही घायल हो चुकी हैं, मंगलवार को एक फिर यह दोहराया गया। घायल महिला प्रदर्शनकारियों को नजदीकी सिविल व अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन के बैनर के तले आंगनबाड़ी कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है।
मांगों पर नहीं दिया गया ध्यान
आंगनबाड़ी संगठन काफी समय से कई सूत्री मांगें करता आ रहा है। लेकिन उनका कहना है कि सरकार ने उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उनकी मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 18 हजार और सहायिकाओं को 9 हजार रुपए वेतन दिया जाए। उनकी योग्यता और वरीयता को देखते हुए प्रोन्नत भी किया जाए। जो मानदेय काफी समय से रोककर रखा गया है, उसका फौरन भुगतान हो। आंगनबाड़ी संगठन इन मांगों समेत करीब 16 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रख चुका है। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।
प्रदर्शन से लखनऊ का हाल बेहाल
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के दो दिन से शहर के बीचों बीच हो रहे प्रदर्शन से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। चारबाग, कैंट, हजरतगंज, सिकंदराबाग, निशातगंज, अमीनाबाद की ओर, समेत कई मुख्य रास्तों पर भीषण जाम लग रहा है।