जानें क्या है मामला प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर करप्शन का आरोप लगाने वाले व्यापारी अभिषेक गुप्ता को पुलिस ने शुक्रवार सुबह हिरासत में ले लिया। बीजेपी की ओर से मिली शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 419,420 के तहत उनपर मुकदमा दर्ज किया गया जिसके हजरतगंज पुलिस ने पूछताछ के लिए अभिषेक गुप्ता को हिरासत में ले लिया। इसकी पुष्ट एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने की।
एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, हजरतगंज पुलिस ने व्यापारी अभिषेक गुप्ता को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। आपको बता दें गुरुवार देर रात भाजपा ने व्यापारी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। वहीं, सीएम योगी ने भी मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव राजीव कुमार से पूरे मामले की तथ्यात्मक स्थिति जानने के लिए आदेश दिए हैं।
गवर्नर ने लिखा पत्र
बता दें राज्यपाल राम नाईक का सीएम को लिखा एक पत्र गुरुवार को वायरल हुआ। इस पत्र में खुद गवर्नर राम नाईक ने एक लेटर लिखकर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को चिट्ठी लिखी है। इस लेटर में लिखा है कि प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) शशि प्रकाश गोयल पर लगे धन उगाही के आरोपों की जांच कराई जाए।
बता दें राज्यपाल राम नाईक का सीएम को लिखा एक पत्र गुरुवार को वायरल हुआ। इस पत्र में खुद गवर्नर राम नाईक ने एक लेटर लिखकर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को चिट्ठी लिखी है। इस लेटर में लिखा है कि प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) शशि प्रकाश गोयल पर लगे धन उगाही के आरोपों की जांच कराई जाए।
जानें क्या लिखा था राज्यपाल के पत्र में राज्यपाल ने पत्र का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर लगाए गए उगाही के आरोप को गंभीरता को उठाया है। हरदोई के संडीला तहसील के व्यापारी अभिषेक गुप्ता ने राज्यपाल को पत्र लिख कर प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल पर 25 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया था।
व्यापारी के आरोप एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में अभिषेक गुप्ता का कहना है कि उन्हें एस्सार आयल का पेट्रोल पंप आवंटित हुआ है जिसे लगाने में चिन्हित जमीन के सामने सड़क की चौड़ाई आड़े आ रही है। व्यवसायी ने प्रदेश सरकार से सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने की मांग की थी। गुप्ता का आरोप है कि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए भूमि उपलब्ध कराए जाने के मामले में प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल 25 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। व्यवसायी द्वारा रुपये नहीं देने पर उसके प्रत्यावेदन पर फैसला नहीं लिया जा रहा है।