22 हजार से ज्यादा हैं कस्टमर
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में ‘भाग्यलक्ष्मी’ नाम से एक डेयरी चल रही है। इस डेयरी के कस्टमर्स की लिस्ट में अंबानी परिवार से लेकर सभी बड़ी हस्तियां शामिल हैं। भाग्यलक्ष्मी डेयरी के मालिक देवेंद्र शाह है, जिन्होंने इस डेयरी की शुरुआत की। पहले तो इस डेयरी के शुरुआत में सिर्फ 175 कस्टमर ही थे लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़कर 22,000 हो चुकी है। फिलहाल इस समय इस डेयरी के एक लीटर दूध की कीमत 152 रुपए है।
रोजाना मुंबई में सप्लाई होता है दूध
देवेंद्र शाह की डेयरी का दूध महाराष्ट्र के कई इलाकों में सप्लाई किया जाता है। पुणे से मुंबई की दूरी 163 किलोमीटर है, जो 3 घंटे में पूरी होता है। मुंबई में इस डेयरी का दूध पीने वाले कई कस्टमर्स हैं, जिसके कारण रोजाना पुणे से मुंबई के लिए दूध की सप्लाई की जाती है। इस डेयरी की डिलीवरी वैन सुबह 5:30 से 7:30 के बीच दूध को ग्राहकों के घर पहुंचा देती है। इसके साथ ही ‘प्राइड ऑफ काउ’ के लिए हर कस्टमर का एक लॉगिन आईडी होता है। जिस पर वह ऑर्डर चेंज या रद्द कर सकते हैं। डिलिवरी की जगह बदलवा सकते हैं।
गायों को दिया जाता है आरओ का पानी
इसके साथ ही इन गायों के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां पर गायों के लिए रबर मैट बिछाया गया है, जिसकी दिन में कम से कम तीन बार सफाई की जाती है। इसके साथ ही इन गायों को पीने के लिए सिर्फ RO का पानी ही दिया जाता है। वहीं, उनको खाने के लिए सोयाबीन, अल्फा घास, मौसमी सब्जियां और मक्की का चारा दिया जाता है और इस डेयरी की खास बात यह है कि यहां पर 24 घंटे स्लो साउंड में म्यूजिक बजता रहता है।
मशीनों से किया जाता है सभी काम
भाग्यलक्ष्मी डेयरी की सबसे खास बात यह है कि इसमें कुल मिलाकर 2000 डच होल्स्टीन नस्ल की गाय हैं। यह फार्म 26 एकड़ जगह में बना है और हर रोज 25,000 लीटर दूध का उत्पादन होता है। आपको बता दे कि प्रतिदिन सुबह दो हजार गायों का दूध निकाला जाता है और यहां पर सारे काम मशीनों से ही किये जाते हैं। इसके साथ ही इन गायों के दूध निकालने से लेकर उसकी पैकिंग तक सभी काम मशीनों के माध्यम से किया जाता है।
2020 तक बढ़ेगा मार्केट
इन्वेस्टर रिलेशन्स सोसाइटी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अऩुसार इस दूध की बढ़ती लोकप्रियता के कारण साल 2020 तक इस डेयरी का मार्केट बढ़कर 140 बिलियन डॉलर (9,08,670 करोड़ रु) हो सकता है। वहीं, साल 2013 में यह बाजार लगभग 70 मिलियन डॉलर (4,54,335 करोड़ रु) का था।