इसलिए बन गई थी पहली पसंद एल एंड टी की लगातार ग्रोथ को देखते हुए धीरूभाई अंबानी का भी इस पर दिल आ गया था और उन्होंने इसके अधिग्रहण के लिए तीन बार कोशिशें कीं। धीरूभाई के लिए L&T इसलिए भी अहम थी, क्योंकि कंपनी आरआईएल के पेट्रोकेमिकल्स कॉम्पलेक्स का निर्माण भी कर रही थी। धीरूभाई की L&T के पास मौजूद भारी नकदी में भी दिलचस्पी थी।
इसलिए नहीं खरीद पाए कंपनी दरअसल धीरुभाई अंबानी ने कंपनी पर पूरा कब्जा चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने दोनों बेटों को कंपनी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह दिला दी। लेकिन एल एंड टी बोर्ड ने धीरुभाई के इरादे को भांप लिया था। वहीं साल 1989 में राजनीतिक परिदृश्य इस तरह बदला कि धीरूभाई के हाथ से यह मौका भी निकल गया। इस बार एलआईसी (उस वक्त की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर) आगे आई और उसकी पहल पर अंबानी को L&T से बाहर जाना पड़ा।
टॉप 100 में भारत की 24 कंपनियां यूं तो टॉप 25 की लिस्ट में केवल एल एंड टी ही जगह बनाने में कामयाब रही है। लेकिन टॉप 100 लिस्ट में भारत की 24 कंपनियों ने जगह बनाई है। जिनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा 55वें, ग्रासिम इंडस्ट्रीज 59वें और HDFC 91वें स्थान पर रही हैं। लिस्ट में शामिल 24 भारतीय कंपनियों में जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ( GIC) 106वें, आईटीसी 108वें, सेल 139वें, सन फार्मा 172वें, एशियन पेंट्स 179वें, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) 183वें, अडाणी पोर्ट्स सेज 201वें, जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) 207वें, कोटक महिंद्रा 253वें, हीरो मोटोकॉर्प 295वें, टेक महिंद्रा 351वें और ICICI बैंक 359वें पर हैं। इसके अलावा विप्रो 362वें, हिंडाल्को 378वें, SBI 381वें, बजाज ऑटो 417वें, टाटा मोटर्स 437वें, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन 479वें, एक्सिस बैंक 481वें और इंडियन ओवरसीज बैंक 489वें स्थान पर हैं।