ईडी को भी इस बात का शक है कि इन डमी कंपनियों को विजय माल्या कंट्रोल करता था और इसका इस्तेमाल वो अपने शराब कारोबार से पूंजी जुटाने के लिए करता था।
खुलासे में पता चला है कि इन कंपनियों से उसे करीब 200 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जिसके इस्तेमाल वो अपने कानूनी खर्चों के लिए करता था।
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कैसे ऑपरेटी की जाती थीं ये कंपनियां
गत 24 जुलाई को ईडी ने अल्टीमेट ब्रांडिंग वर्ल्डवाइड के ठिकानों पर छापा मारा था। इस कंपनी को संचालन वी शशिकांत के हाथों था, जो पहले विजय माल्या एक्जीक्युटिव असिस्टेंट रह चुका है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यूनाइटेड ब्रेवरीज के एक्सपोर्ट एजेंट ने कथित तौर पर किंगफिशर बीयर को टैमी इंटरनेशनल को निर्यात किया। शारजहां स्थित इस कंपनी को शशिकांत का कोई करीबी चलाता है।बदले में यह विदेशी कंपनी इने बीयर्स को प्रीमियम दर पर सिंगापुर, यूएई और मलेशिया को बेचा था। इस बिक्री से होने वाली कमाई को फिर शेल कंपनियों की मदद से विजय माल्या के पास भेजा जाता था।
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सभी 5 कंपनियों की जांच करेगी ईडी
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “शिकायत के बाद जांच से पता चला है कि कम से कम तीन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन दक्षिण भारत के राज्यों से हुआ है। साथ ही दो कंपनियों को विदेशों में रजिस्टर किया है। इन सभी पांचों कंपनियों की कार्यशैली लगभग एक समान है। ये कंपनियां बेहद ही कम दाम किंगफिशर बीयर को निर्यात करती हैं और फिर इसे विदेशों में महंगे दाम पर बेचती हैं। आने वाले दिनों में इन कंपनियों की भी जांच की जायेगी। चूंकी माल्या को ट्रेड के बारे में जानकारी है, इसलिए उसे यह भी पता है कि कहां मांग। उसी जगह पर ऑर्डस की डिलिवरी की जाती है।”