कंज्यूमर्स की कंप्लेन सुनने को बनेगी
कानून के अनुसार कंज्यूमर के हितों के लिए एक सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन एजेंसी तैयार की जाएगी। इस एजेंसी की पूरे देश में ब्रांच होगी। हर ब्रांच का काम कंज्यूमर की शिकायतों को सिर्फ सुनना भर नहीं होगा बल्कि उसका निपटान करना भी होगा। यह एजेंसी कार्रवाई करने में भी सक्षम होगी। इस कानून को अमरीकी फेडरल ट्रेड कमीशन की तर्ज पर तैयार किया गया है।
यह भी पढ़ेंः- माइक पोम्पियो के दौरे से पहले हुवावे का बड़ा बयान, दबाव में कोर्इ फैसला ना ले भारत
कानून में जोड़ा गया क्लॉस सूट एक्शन
वहीं इस कानून में क्लॉस सूट एक्शन को भी जोड़ा गया है। जिसके तहत अगर किसी खराब उत्पाद का प्रभाव बड़े स्तर पर पड़ता है तो उसकी पूरी जवाबदेही आपूर्तिकर्ता कंपनी पर होगी। यानी उस क्लॉस सूट एक्शन तहत कार्रवाई की जाएगी। जानकारों के अनुसार क्लॉस एक्शन सूट का प्रावधान के तहत किसी खराब सामान पर निर्माता या सेवा देने वाले की जिम्मेदारी सिर्फ प्रभावित कंज्यूमर तक ही नहीं, बल्कि उस सेवा से जुड़े सभी उपभोक्ताओं तक होगी।
यह भी पढ़ेंः- Petrol-Diesel Price Today: दो दिन के बाद पेट्रोल आैर डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला थमा
5 साल की जेल और 50 करोड़ रुपए जुर्माना
किसी सामान से कंज्यूमर को किसी तरह की हानि या मौत हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी मैन्यूफेक्चरर, सर्विस प्रोवाइडर और सेलर तीनों पर होगी। जिसके तहत कंपनी पर शिकंजा कसते हुए 5 साल जेल और 50 करोड़ तक जुर्माना लगाया जाएगा। खास बात तो ये है कि पीडि़त को लंबी सुनवाईयों के दौर से नहीं गुजरना पड़ेगा। जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर में एक ही जगह सुनवाई होगी।
यह भी पढ़ेंः- विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में बीते पांच साल में 60 फीसदी का इजाफा
ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी कसा जाएगा शिकंजा
अब नए कानून में ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी नकेल कसी जाएगी। अब उन्हें प्रोडक्ट के प्रोडक्शन, लेबलिंग और नए विधेयक के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों की भी जवाबदेही बढ़ेगी। उन्हें उत्पाद के निर्माण, उसकी लेबलिंग, साइड इफेक्ट्स के बारे में भी जानकारी देनी होगी। वहीं कंपनियां कंज्यूमर्स द्वारा खरीदे गए सामान का डाटा किसी दूसरी कंपनी को नहीं दे सकेंगे। वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी खराब सामान की जिम्मेदारी होगी।
यह भी पढ़ेंः- Share Maket Opening: शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 117 अंक लुढ़का, निफ्टी 33 अंक कमजोर
झूठे विज्ञापन पर होगी जेल
वहीं कानून में झूठे और भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मैन्यूफेक्चरर और सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ दो साल की जेल या दस लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। खास बात तो ये है कि अगर कोई नामी सेलेब्रिटी भ्रम फैलाने वा विज्ञापनों को करता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.