बन गया जख्मी जूतों का अस्पताल, आनंद महिंद्रा ने दिए पैसे

क्या आपने कभी जूतों का अस्पताल देखा है। आप सोच रहें होंगे कि जख्मी जूतों का हास्पिटल कैसा होगा। लेकिन ये सच है कि ऐसा एक हॉस्पिटल देश में खोला गया है।
नई दिल्ली। क्या आपने कभी जूतों का अस्पताल देखा है। आप सोच रहें होंगे कि जख्मी जूतों का हास्पिटल कैसा होगा। लेकिन ये सच है कि ऐसा एक हॉस्पिटल देश में खोला गया है। और इस हॉस्पिटल में पैसा लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि देश के दिग्गज बिजनेसमैन और महिंद्रा और महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा है। आखिर इतने बड़े बिजनेसमैन को जूतों के हॉस्पिटल में पैसे लगाने की क्या जरुरत पड़ गई। आइए जानते है क्या है पूरा मामला..
आनंद महिंद्रा ने खुद ट्वीट कर बताया
अपने ट्विटर हेंडल पर महिंद्रा ने लिखा है कि, आपको वह मोची नरमी राम याद होंगे जिन्होंने जख्मी जूतों के अस्पताल नाम के बैनर से सबका ध्यान खींचा था। आनंद महिंद्रा ने लिखा कि उनकी टीम ने नरमी राम से संपर्क किया और बताया कि मैं उनकी मदद करना चाहता हूं, इसके जवाब में नरमी राम ने कहा कि वह अच्छा बूथ चाहते हैं। इसके बाद आनंद महिंद्रा ने लिखा कि मुंबई स्थित उनके डिजाइन स्टूडियो ने बूथ तैयार किया है जिसे नरसी राम को जल्द डिलिवर किया जाएगा। इसके बाद आनंद महिंद्रा ने उस बूथ का वीडियो भी शेयर किया।
Remember the cobbler Narsi Ram with the innovative banner ‘Zakhmi Jooton Ka Hospital?’ Our team had contacted him & conveyed my interest to invest in him.He said he wanted a good kiosk. This is what our Design studio in Mumbai came up with:Great work guys! Will be delivered soon pic.twitter.com/wDgKDPoeHr
— anand mahindra (@anandmahindra) August 1, 2018
ये है हॉस्पिटल की खासियत
आनंद महिंद्रा ने नरसी राम को दिए जाने वाले बूथ के बारे में जो विडियो शेयर किया है उसमें उस बूथ की खासियतों का जिक्र भी किया गया है। वीडियो में बताया गया है कि बूथ वाटर प्रूफ है, साफ और ऑर्गेनाज्ड है, वेंटिलेशन और लाइटिंग की व्यवस्था की गई है और साथ में टूट-फूट से सुरक्षित है। बूथ पर 'बेची बचाओ-बेटी पढ़ाओ' और 'स्वच्छ भारत अभियान' का लोगो भी छापा गया है।
जख्मी जूतों का हस्पताल नाम से हुए से प्रभावित
दरअसल इस मोची ने अपने दुकान का नाम जख्मी जूतों का हस्पताल रखा था। मोची के इस नाम से प्रभावित होकर आनंद महिंद्रा ने उनकी मदद का प्रस्ताव दिया था। करीब साढ़े 3 महीने पहले अप्रैल में अपने ट्विटर हेंडल के जरिए एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें जूतों की मरम्मत करने वाले एक शख्स के बारे में उन्होंने लिखा था कि यह व्यक्ति आईआईएम में विज्ञापन पढ़ाने के लायक है।