डॉ. मुकेश चंद्र दुबे ने कहा कि डायबिटीज़ के लक्षणों को पहचानने में अधिकतर लोग देरी कर देते हैं, जिसकी वजह से यह बीमारी और बड़ी हो जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश ने इस बारे में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि विश्व डायबिटीज़ दिवस पर सभी जिलों में मधुमेह, हाइपरटेंशन, स्ट्रोक आदि के बारे में रैली, पोस्टर, प्रतियोगिता, हस्ताक्षर अभियान, गोष्ठी, कैंप आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।
क्या है डायबिटीज
शरीर में इंसुलिन का स्त्राव कम होने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तो उस स्थिति को डायबिटीज़ कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है और जिसकी जरूरत भोजन को ऊर्जा में बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कंट्रोल नहीं कर पाता तो इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा लेने में काफी कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर हमारे रक्त में लगातार बना रहता है तो यह शरीर के अन्य अंगों जैसे- आंख, मस्तिष्क, हृदय और गुर्दे आदि को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
– अत्यधिक भूख लगना
– अधिक नींद आना
– प्यास ज्यादा लगना
– पेशाब ज्यादा लगना
– किसी घाव को भरने में बहुत अधिक समय लगना
– आंख से कम दिखाई देना
– अचानक से वजन कम होना
– शरीर के कुछ भागों का सुन्न होना अथवा झिनझिनी महसूस होना
– जल्दी थकान महसूस होना
– डायबिटीज़ एक आनुवांशिक रोग है यानि अगर किसी के माता-पिता को डायबिटीज़ है तो उनके बच्चों को भी डायबिटीज़ होने की संभावना ज्यादा होती है।
– जंक फूड या फास्ट फूड खाने वाले लोगों में मधुमेह के संभावना ज्यादा पाई जाती है क्योंकि इस तरह के खाने में वसा ज्यादा पाया जाता है, जिससे शरीर में कैलोरीज की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ता है, जिसके कारण इंसुलिन उस मात्रा में नहीं बन पाता, जिससे शरीर में शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है।