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सरकारी फरमान के बावजूद प्रसूताओं को नहीं मिलता पौष्टिक आहार, दिन भर में सिर्फ एक चम्मच दलिया

locationललितपुरPublished: Nov 16, 2018 07:01:44 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालबेहट में भर्ती प्रसूताओं को शाम के समय खाने में केवल एक चमच दलिया दिया जाता है

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सरकारी फरमान के बावजूद प्रसूताओं को नहीं मिलता पौष्टिक आहार, दिन भर में सिर्फ एक चम्मच दलिया

ललितपुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालबेहट में भर्ती प्रसूताओं को शाम के समय खाने में केवल एक चमच दलिया दिया जाता है। केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा प्रसूताओं की सेहत का ध्यान रखते हुए एनएचएम योजना के तहत उन्हें सभी सरकारी अस्पतालों में अच्छी सेवा मुहैया कराई जा रही है, जहां प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बाद प्रसव के 48 घण्टे तक सरकार द्वारा उन्हें पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। पौष्टिक आहार का टेंडर होने के बाद ठेकेदारों ने सरकार को पूरा पौष्टिक आहार देने का शपथ पत्र भी दिया है। इसके बावजूद प्रसूताओं को ढंग का भोजन नहीं दिया जा रहा है।
खाना बांटते समय डॉक्टर परखेगा गुणवत्ता

सरकार द्वारा तय मीनू के अनुसार प्रसूताओं को कुछ भी नहीं दिया जा रहा। इस संबंध में नोडल अधिकारी डॉ. डीसी दोहोरे को इसके पहले भी अवगत कराया गया था। मामले में डॉक्टर डीसी दोहरे का कहना है कि हम ने ठेकेदार की साथ-साथ जनपद के सभी अस्पतालों में यह नोटिस जारी किया है कि जिस समय खाना बांटा जाएगा, उसकी गुणवत्ता की परख वहां पर तैनात एक डॉक्टर करेगा। इस नोटिस के बावजूद भी जनपद के अस्पतालों की स्थिति जस की तस है। हाल ही में एक टीम द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालबेहट का सर्वे किया गया, जिसमें न तो मौके पर प्रसूताओं के लिए खाना दिया जा रहा था और न ही वहां पर कोई डॉक्टर या अधीक्षक मौजूद था।
अस्पताल में दलिया बांट रहे व्यक्ति ने बताया कि केवल दलिया ही बांटने को कहा गया है। साथ ही यह भी बताया कि यह ठेका किसी पत्रकार अखिलेश जैन के नाम पर है। यह पूरी कार्यप्रणाली संदिग्ध है क्योंकि नोडल अधिकारी ने नोटिस देकर अस्पतालों को सूचना भिजवाई है।
कार्यवाही के आदेश

इस मामले में सीएमओ डॉ. प्रताप सिंह का कहना है कि कार्यवाही कर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। हालांकि, नोटिस जारी कर दिया गया है और अस्पताल के अधीक्षक से भी लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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