इंदौर में ललितपुर के कुछ लोग रहते हैं। उन्होंने ही अपहरण की योजना तैयार की थी, यह पता चला है कि अक्षत के पिता का ललितपुर के कुछ लोगों से पैसों का लेन-देन है। ये लोग पिता को परेशान करना चाहते थे, इसलिए पहले उन्होंने परिवार की जानकारी निकाली। यह पता चला की अक्षत परिवार का लाडला है और उसका अपहरण करने से पिता व परिवार परेशान हो जाएगा। इसके बाद अपहरण की योजना बनाई गई और ललितपुर से कुछ लोगों को बुलाकर वारदात को अंजाम दिया गया। मुख्य आरोपी का ठिकाना पुलिस को पता चल गया है और पुलिस की एक टीम ने ललितपुर में डेरा डाल रखा है।
तफ्तीश में यह भी पता चला कि महरौनी निवासी संतोष विश्वकर्मा 6 वर्षीय मासूम के दादा सुरेंद्र की फैक्ट्री में पिछले 2 वर्षों से काम कर रहा था इसीलिए उनके घर संतोष का आना जाना था और इसी का फायदा उठाकर संतोष ने मासूम का अपहरण कर लिया था।
अपहरण कांड में ललितपुर के पांच आरोपी दीपक, अंकित, लोकेश, वसीम, नवाब और संतोष की भूमिका तो लगभग स्पष्ट हो चुकी है। चार अन्य संदिग्ध जो इंदौर में संतोष के संपर्क में हैं उन्हें भी पुलिस तलाश रही है। मंगलवार दोपहर पुलिस ने अक्षत को माता-पिता के साथ थाने बुलवाया। अक्षत से उस रूट की जानकारी जुटाई, जहां से बदमाश उसे उठा ले गए थे। गार्डन से मांगलिया तक का रूट पुलिस ने अक्षत की निशानदेही पर क्लियर किया। मांगलिया में भी बदमाशों के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसमें अक्षत उनके साथ बाइक पर है। अक्षत ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने एक कटिंग दुकान पर दाढ़ी भी बनवाई थी।
पुलिस अधीक्षक कैप्टन एमएम बेग का कहना है कि इस मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं है क्योंकि मध्य प्रदेश पुलिस ने हमसे सीधा कोई संपर्क नहीं किया। हां वह थाना बानपुर और कोतवाली महरौनी के जरूर संपर्क में एक बार आए थे, उसके बाद इस मामले में क्या हुआ जनपद पुलिस को कोई जानकारी नहीं।