उस प्रदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जिला प्रशासन को चेता दिया था कि उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा और वह अपने काम का पूरी तरह बहिष्कार तब तक करेंगीं जब तक उनकी मांगों को शासन प्रशासन मान नहीं लेता । और उस दिन से लगातार उनका धरना प्रदर्शन विकास भवन में जा रही है । पहले वह प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रही थी मगर जब से चुनावी आचार संहिता लगी है उन्होंने मोन प्रदर्शन शुरू करना प्रारंभ कर दिया। अब वह मोन अपनी बात को शासन प्रशासन तक पहुंचाना चाहती हैं।
17 दिन बाद भी अधिकारियों ने नही लिया संज्ञान
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा लगातार 17 दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है । इसके बावजूद जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध लेने की नहीं सोची । 17 दिन बाद भी कोई भी अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पास उनका हाल चाल जानने नहीं गया । बल्कि संबंधित अधिकारी उन्हें धमकियां दे रहे हैं कि अगर काम पर वापस नहीं लौटे तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी ऐसा आरोप उनकी जिला अध्यक्ष प्रतिभा कौशिक ने अधिकारियों पर लगाया है।
इनका कहना है
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जिलाध्यक्ष प्रतिभा कौशिक का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा हमारा मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए। क्योंकि महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है और हम आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों 133 रु तथा उससे कम में भी काम कर रहे हैं । हमें समान कार्य समान वेतन में सम्मिलित किया जाना चाहिए हमारे और हमारे परिवार के खर्चे के लिए कम से कम ₹15000 महीने शासन द्वारा स्वीकृत कर हमें दिया जाए । हमें तो छह -छह माह तक वेतन नहीं दिया जाता और अभी हालात यह है कि 4 मई से हमारे खातों में शासन द्वारा कोई मानदेय नहीं भेजा गया । जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर आ खड़ा हुआ है । हमारा धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक शासन प्रशासन हमारी मांगों को नहीं मान लेता ।