चयन प्रक्रिया मानके के अनुरूप नहीं आशा बहुओं का कहना है कि जिनका चयन मानक के अनुरूप नहीं है, उनके प्रमाण पत्र पर रोक लगानी चाहिए थी। लेकिन कुछ लोगों के कारण सभी के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र रोक लगाना गलत है। जिले की सीएचसी रमियाबेहड़, निघासन, बिजुआ, मोहम्मदी और मितौली के अधीक्षक ने करीब डेढ़ सौ आशा बहुओं का चयन किया है। अधीक्षकों द्वारा चयनित की गई महिलाओं में से कई उम्र का मानक तक पूरा नहीं करती है। वहीं कुछ अविवाहिता हैं।
इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो इसलिए अधीक्षकों ने चयनित एनएचएम प्रभारी मातादीन से कराने की बजाए सीएमओ से कराकर प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण के समय फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद भी जिम्मेदारों ने मानकों को पूरा न कर आशा बहुओं को निकालने की बजाए उनका प्रशिक्षण जारी रखा और सिर्फ उन्हें प्रमाण पत्र देने पर रोक लगा दी। इससे प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 120 से अधिक आशा बहुओं में नाराजगी है। वहीं, जिला लेखा प्रबंधन एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक सत्यपाल सिंह का कहना है कि सीएमओ ने प्रमाण पत्र देने पर रोक लगाई है। उनके निर्देश के बाद ही प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
सीएमओ साहब साधे चुप्पी वहीं, इस मामले में सीएमओ डॉक्टर मनोज अग्रवाल का कहना है कि नवचयनित आशा बहुओं का सत्यापन कराया जा रहा है। उसके बाद ही प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। हालांकि खुली बैठक में चयन प्रक्रिया होने के बाद सत्यापन कराए जाने की बात पूछे जाने पर चुप्पी साधे हैं।