जिलाधिकारी को भेजे गये पत्र में पीड़िता झब्बापुरवा निवासी जुलेखा ने कहा है कि करीब दो वर्ष पहले सुलेमान उसे बहला-फुसलाकर ले गया था और बाद में मुकदमे से बचने के लिए उसने शादी कर ली थी। शादी के कुछ समय बाद ही ससुरालीजन उसे दहेज की में बाइक, फ्रिज और 50 हजार रुपये की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगे। ससुराली जनों ने उसे मारपीट कर घर से भगा दिया। इसके बाद महिला ने दहेज उत्पीड़न का वाद न्यायालय में दायर किया। बाद में दोनो पक्षों में सुलह समझौता हो गया और सुलेमान ने भरोसा दिलाया कि आगे अब और कोई परेशानी नहीं होगी। इसके बाद महिला उसके साथ चली गई। कुछ दिन बाद फिर से उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। महिला का आरोप है कि बीती 5 अक्टूबर को दोपहर करीब 2 बजे उसके पति ने उसकी लात-घुसो से बुरी तरह पिटाई कर दी और उसके पति सुलेमान ने उसे तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कह कर घर से भगा दिया और धमकी दी कि अगर कहीं शिकायत करने गई तो उसे जान से मार दूंगा। महिला अपने मायके पहुंची और पूरी घटना से परिजनों को अवगत कराया। महिला ने डीएम को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
उधर इस बाबत सुलेमान के भाई कुरबान ने बताया कि उसका भाई नेपाल के काठमांडू में काम करता है। भाभी के आरोप निराधार है। तलाक जैसा कोई मामला नहीं है। वहीं जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मझगई चौकी क्षेत्र के गांव झब्बापुरवा में तलाक पीड़िता महिला का कोई पत्र नहीं मिला है। संभव है कि डाक से शिकायत पत्र भेजा गया होगा। फिलहाल तीन तलाक के ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। यदि शिकायत मिलता है। या पीड़िता की जानकारी होती है तो मामले की जांच करा कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।