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लखीमपुर खेरी

चर्चित मधुमिता हत्याकांड की पैरवी कर रही निधि शुक्ला के घर पर फायरिंग, मौके पर मिला कारतूस

इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने निधि से पूछताछ के बाद मौके की जांच पड़ताल की। निधि ने अमरमणि त्रिपाठी पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस ने निधि की तहरीर पर अमरमणि के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वारदात जिले की सदर कोतवाली इलाके की है।

लखीमपुर खेरीMar 11, 2024 / 07:04 pm

anoop shukla

चर्चित मधुमिता हत्याकांड की पैरवी कर रही निधि शुक्ला के घर पर फायरिंग, मौके पर मिला कारतूस

चर्चित मधुमिता हत्याकांड की पैरवी कर रही निधि शुक्ला के घर पर फायरिंग, मौके पर मिला कारतूस

बहुचर्चित मधुमिता हत्याकांड की पैरवी कर रही उनकी बड़ी बहन निधि शुक्ला के घर पर हमला कर दिया गया। निधि शुक्ला का कहना है कि रविवार देर रात अचानक बहुत तेज आवाज हुई। गनर मौके पर पहुंचा तो वहां कारतूस पड़ा मिला, उसने बताया की फायर हुआ है।
इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने निधि से पूछताछ के बाद मौके की जांच पड़ताल की। निधि ने अमरमणि त्रिपाठी पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस ने निधि की तहरीर पर अमरमणि के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वारदात जिले की सदर कोतवाली इलाके की है।
निधि शुक्ला ने बताया की बड़ी बहन मधुमिता के हत्याकांड की पैरवी करने के नाते आरोपी अमरमणि त्रिपाठी से दुश्मनी चल रही है। अमरमणि ने ही हमारे घर पर हमला कराया है। बीती रात लगभग 3:10 बजे मेरे घर पर अचानक धमाके की आवाज हुई।
मैं धमाके की आवाज सुनकर दरवाजे पर आई। अपने गनर को आवाज लगाई। उसने बताया की घर पर फायर हुआ है।इसकी सूचना फौरन डायल 112 पर फोन किया। जब पुलिस आई, तब जाकर मैंने दरवाजा खोला। बाहर आई, तो दरवाजे के पास बुलेट पड़ी थी। उसे देखा तो वो फर्श पर लगे टायल से टकराकर टेढ़ी हो चुकी थी। थोड़ा फर्श पर लगा टायल भी टूटा पड़ा था।
जानिए मधुमिता शुक्ला हत्याकांड

दरअसल, 9 मई 2003 लखनऊ में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या मायावती सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि ने करवाई थी। 20 साल बाद 24 अगस्त 2023 को अमरमणि और मधुमणि त्रिपाठी सजा काटने के बाद जेल से रिहा हो गए। दोनों की सजा का ज्यादातर वक्त गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड में बीता था। अमरमणि की सजा जेल का अधिकांश समय जेल की बजाए अस्पताल में कटा, इसके खिलाफ ही निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें 22 मार्च को सुनवाई होनी है। उससे पहले ही हमला हुआ है।
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