scriptशिक्षा विभाग का एक और घोटाला आया सामने, मचा हड़कंप | Basic Shiksha vibhag school bag scam in Uttar Pradesh | Patrika News

शिक्षा विभाग का एक और घोटाला आया सामने, मचा हड़कंप

locationलखीमपुर खेरीPublished: Jan 16, 2019 08:41:26 am

इस घोटाले की पोल खुलते ही विभाग में मची हलचल…

Basic Shiksha vibhag school bag scam in Uttar Pradesh

शिक्षा विभाग का एक और घोटाला आया सामने, मचा हड़कंप

लखीमपुर खीरी. सरकार छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए जितने भी बेहतर प्रयास करे, लेकिन उनकी शिक्षा को लेकर विभाग बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखता। सरकार छात्र-छात्राओं को बेहतर सुविधा भी उपलब्ध कराती है, लेकिन वे सुविधाएं उन तक नहीं पहुंचती। कुछ इसी प्रकार से 2016-17 में 18047 स्कूल खरीद बैग की खरीद की गई थी। जिसमें 26.06 लाख रुपये के मामले में बीएसए बुद्ध प्रिय सिंह भले ही कोई गड़बड़ी न मान रहे हों, लेकिन लेखा विभाग इलाहाबाद की ऑडिट रिपोर्ट को शत-शत सही बता रहा है। लेखा अधिकारी डॉ दिलीप सिंह के मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। क्योंकि यह रिपोर्ट वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी की ओर से लेखा विभाग और बीएसए को भेजी गई है। उन्होंने माना है कि कार्रवाई न होने की दशा में बीएसए को पत्र भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस बाबत बीएसए को पत्र भेजा जाएगा।
स्कूल बैग खरीद का मामला

कक्षा एक से लेकर आठ तक के परिषदीय स्कूल, सहायता प्राप्त जूनियर स्कूल, हाईस्कूल, सहायता प्राप्त मदरसे, इंटर कॉलेज के 6 से 8 और प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल के लिए निःशुक्ल स्कूल बैग देने के लिये शासनादेश जारी किया गया था। बैग खरीदने के लिए 7.78 करोड़ों रुपए आवंटित किए गए, लेकिन मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक द्वारा लेखाधिकारी कार्यालय के निर्देशानुसार जो उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है उनके अनुसार 53,9339 छात्र-छात्राओं को स्कूल बैग खरीदने के लिए आवंटित पूरी धनराशि व्यय कर ली गई। जबकि ऑडिट के यू-डायस डाटा में छात्र-छात्राओं की संख्या 52,1292 गई। इस मामले पर बुद्ध प्रिय सिंह ने बताया कि यह कोई गड़बड़ी नहीं है। जबकि लेखाविभाग इस मामले को पूरी तरह सही बता रहा है। लेखा अधिकारी का कहना है कि कार्रवाई न करना अलग बात है, लेकिन गड़बड़ी की ऑडिट रिपोर्ट सही है।
यह था मामला

11 जनवरी 2017 को बच्चों को निशुल्क स्कूल बैग वितरण का निर्देश आया। 6 मार्च 2017 को बैंक खरीद का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया। 30 दिसंबर 2016 को यू-डायस डाटा के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या में 18047 का अंतर मिला। जिस पर सवाल उठाया गया। लेकिन जवाब मान्य नहीं हुआ। बाद में उनकी टीम द्वारा लेखा अधिकारी और बीएसए के संज्ञान में पूरे प्रकरण लाया गया। तब से लेकर अब तक अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं शुरुआती दिनों में अफसर इस से कोई घपला नहीं मान रहे थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो