भवन का बढ़ता इंतजार
जयपुरPublished: Dec 01, 2015 07:40:00 pm
पंचायत समिति की छयालीस ग्राम पंचायतों में से आठ नवगठित ग्राम पंचायतों को स्थाई भवनों का इंतजार है।
पंचायत समिति की छयालीस ग्राम पंचायतों में से आठ नवगठित ग्राम पंचायतों को स्थाई भवनों का इंतजार है। स्वयं के भवन नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधिों व ग्रामीणों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि चार ग्राम पंचायतों को भूमि आंवटित हो चुकी है। लेकिन भूमि संबंधित नियमों के चलते भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। वहीं,अन्य चार ग्राम पंचायतों को भूमि तक आंवटित नहीं हो सकी है। इससे ग्राम पंचायतों की समस्याएं बढ़ती जा रही है। ग्राम पंचायतों के पास स्थाई स्थान नहीं मिलने से जनप्रतिनिधियों की परेशानियां बढ़ती जा रही है।
सरकारी भवनों में हो रहा है संचालन
सूरतगढ़ पंचायत समिति चुनाव से पूर्व पंचायतों का पुनर्गठन किया गया। इस वजह से सूरतगढ़ ग्राम पंचायत की अड्तीस ग्राम पंचायत से बढ़कर छयालीस ग्राम पंचायतें हो गई। चुनाव के बाद नवगठित ग्राम पंचायतों के बैठने की समस्या खड़ी हुई। इस पर जिला परिषद के निर्देशानुसार पंचायत समिति की ओर से नई गठित ग्राम पंचायतों को ग्राम स्तर के सरकारी भवनों में ही अस्थाई रूप से ग्राम पंचायतों का संचालन किया जा रहा है।। स्वयं का भवन नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधियों को भी कामकाज निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नई ग्राम पंचायत एक एलएम को गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ग्राम पंचायत हरदासवाली को राजकीय उच्च प्राथमिक पाठशाला, ग्राम पंचायत करडू सामुदायिक भवन, ग्राम पंचायत ऐटा राजकीय माध्यमिक विद्यालय, ग्राम पंचायत रायांवाली राजकीय माध्यमिक विद्यालय, ग्राम पंचायत सात एसजीएम सामुदायिक भवन, ग्राम पंचायत चार केएसआर (श्योपुरा) सामुदायिक भवन, ग्राम पंचायत 17 एसटीबी (पालीवाला) के सामुदायिक भवन में अस्थाई रूप से पंचायतें संचालित हो रही है। हालांकि राज्य सरकार के आदेशानुसार नवगठित ग्राम पंचायतों को नए भवन बनाने के लिए पांच बीघा भूमि आवंटन का प्रावधान है। भूमि आवंटन प्रक्रिया में देरी होने की वजह से जनप्रतिनिधि परेशान है।