बता दें कि पूर्व में हुए चुनाव में विशुनपुरा ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी भाजपा के पास थी। इस सीट पर काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी गोल्डी जायसवाल की पत्नी कंचन जायसवाल काबिज थीं। करीब दो महीने पहले पूर्व ब्लॉक प्रमुख विक्रमा यादव के नेतृत्व में बीडीसी सदस्यों ने कंचन जायसवाल के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि कंचन जायसवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।
शनिवार 15 सितंबर को हुए चुनाव में सपा ने अपनी जीत का झंडा फहरा दिया। सपा नेता विक्रमा यादव के छोटे भाई लल्नन यादव के पक्ष में 92 वोटरों ने मतदान कर दिया। भाजपा समर्थित अरुण राय महज 25मतों पर ही सिमट गए। रिटर्निंग आफिसर द्वारा 7 वोट अवैध घोषित कर दिया गया। सभी 124 वोटरो ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यहां यह बता दे सपा की घेराबंदी देख भाजपा की कंचन जायसवाल चुनाव लडने की हिम्मत नही जुटा पाई थी। लोकसभा चुनाव से पहले सपा की इस जीत ने सपाइयों को उत्साह से भर दिया है।
बताते चलें कि पूर्वांचल के पांच जिलों गोरखपुर, कुशीनगर, कौशाम्बी, जौनपुर और चंदौली में ब्लॉक प्रमुख के उपचुनाव शनिवार को हुए। इन पांचों जिलों की एक-एक सीट मिलाकर सभी पांचों सीटों में से अकेले चार पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। समाजवादी पार्टी को महज एक जीत कुशीनगर के विशुनपुरा ब्लॉक में ही मिल पायी। जौनपुर में तो वोटिंग से एक दिन पहले नाम वापसी के अंतिम क्षणों में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी ने हार की डर से अपना नाम वापस ले लिया।
By AK Mall