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एसपी क्राइम अशोक वर्मा व सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि शाहपुर पुलिस ने फर्जी पुलिस व क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर धनउगाही करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए नकली अफसरों में एक कुशीनगर के कुबेरस्थान क्षेत्र का मेराज अहमद है, दूसरा गोरखपुर के बिछिया सर्वाेदयनगर का मनीष वर्मा और तीसरा बिछिया आजादनगर का राहुल गौड़ है।
अधिकारीद्वय ने बताया कि शाहपुर के बिछिया में दयाराम के मकान में पांच संदिग्ध युवकों के रहने की सूचना मिली। मुखबीर के अनुसार वे लोग खुद को पुलिस का अधिकारी बताकर लोगों से वसूली करते साथ ही युवाओं को नौकरी का झांसा देकर पैसे लेते थे। पुलिस टीम हनुमान मंदिर के पास दयाराम के मकान पर पहुंचकर दयाराम निषाद और उनके पिता भगवती प्रसाद से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मेराज अहमद और मनीष वर्मा रहते हैं। दोनों युवक खुद को पुलिस विभाग में कार्यरत बताते हैं। इनके पास पुलिस विभाग के कुछ लोग आते-जाते हैं।
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एसपी क्राइम अशोक वर्मा व सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि शाहपुर पुलिस ने फर्जी पुलिस व क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर धनउगाही करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए नकली अफसरों में एक कुशीनगर के कुबेरस्थान क्षेत्र का मेराज अहमद है, दूसरा गोरखपुर के बिछिया सर्वाेदयनगर का मनीष वर्मा और तीसरा बिछिया आजादनगर का राहुल गौड़ है।
अधिकारीद्वय ने बताया कि शाहपुर के बिछिया में दयाराम के मकान में पांच संदिग्ध युवकों के रहने की सूचना मिली। मुखबीर के अनुसार वे लोग खुद को पुलिस का अधिकारी बताकर लोगों से वसूली करते साथ ही युवाओं को नौकरी का झांसा देकर पैसे लेते थे। पुलिस टीम हनुमान मंदिर के पास दयाराम के मकान पर पहुंचकर दयाराम निषाद और उनके पिता भगवती प्रसाद से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मेराज अहमद और मनीष वर्मा रहते हैं। दोनों युवक खुद को पुलिस विभाग में कार्यरत बताते हैं। इनके पास पुलिस विभाग के कुछ लोग आते-जाते हैं।
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पुलिस जांच पड़ताल के लिए कमरे पर पहुंची तो वहां ताला बंद था। कुछ पुलिसवाले सादी वर्दी में युवकों का वहीं इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद वहां बाइक से पांच युवक आए।
अधिकारीद्वय ने बताया कि पुलिस ने पांचों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन दो भागने में सफल रहे। जबकि तीन पकड़े गए। पुलिस के अनुसार पकड़े गए युवक ने कबूल किया कि वह पुलिस व क्राइम ब्रांच के अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमका कर वसूली करते थे। ये लोग नौकरी दिलाने के नाम भी ठगी करते थे।
अधिकारीद्वय ने बताया कि पुलिस ने पांचों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन दो भागने में सफल रहे। जबकि तीन पकड़े गए। पुलिस के अनुसार पकड़े गए युवक ने कबूल किया कि वह पुलिस व क्राइम ब्रांच के अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमका कर वसूली करते थे। ये लोग नौकरी दिलाने के नाम भी ठगी करते थे।
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पुलिस के अनुसार जब कमरे की तलाशी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति पत्र मिले हैं। इनके पास से वर्दी, यूपी पुलिस का बैच, सीटी, डोरी, यूपी पुलिस का मोनोग्राम लगी हुई टोपी, एक अदद मिलिट्री कलर पैंट, वाकी-टाकी और चार्जर, फर्जी नियुक्ति पत्र, एक मोहर पुलिस अधीक्षक स्थापना/कार्मिक, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और कई विभागों के फार्म भी बरामद किये गए है।
पकड़े गए युवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 171, 384, 419, 420, 467, 471 और 3/6 वायरलेस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
जबकि भागने वालों की पहचान संतकबीरनगर कैलाशनगर के रहने वाले प्रतीक मिश्रा और गोरखपुर के भटहट के रहने वाले रूस्तम अली के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार जब कमरे की तलाशी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति पत्र मिले हैं। इनके पास से वर्दी, यूपी पुलिस का बैच, सीटी, डोरी, यूपी पुलिस का मोनोग्राम लगी हुई टोपी, एक अदद मिलिट्री कलर पैंट, वाकी-टाकी और चार्जर, फर्जी नियुक्ति पत्र, एक मोहर पुलिस अधीक्षक स्थापना/कार्मिक, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और कई विभागों के फार्म भी बरामद किये गए है।
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