मार्च महीने में मुजफ्फरनगर में एक सिपाही ने शिक्षक की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी कर ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने व उनसे गंभीर काम नहीं लिए जाने के निर्देश दिए थे। घटना के बाद एसपी कुशीनगर ने ऐसे 12 पुलिसकर्मियों को चिह्नित किया है, जिनसे विभाग की छवि धूमिल होने का अंदेशा है। इनमें पांच ऐसे हैं, जिनके बारे में शराब पीने व ड्यूटी से गैरहाजिर रहने की कई शिकायतें हैं। तीन ऐसे हैं, जो आदतन गैर हाजिर रहते हैं। दो ऐसे हें, जो जनता से दुर्व्यवहार के आदती हैं। एक पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने की शिकायतें हैं। जबकि एक पर शराब पीने व नशे की हालत में जनता से दुर्व्यवहार की शिकायतें हैं।
इन सभी को गंभीर ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। यदि कोई ड्यूटी करायी भी जा रही है तो उन पर संबंधित अफसरों को लगातार निगरानी रख रहे हैं। इसी के साथ इन सभी को नोटिस जारी कर सुधार की अपेक्षा की गयी है। इसमें कहा गया है कि उनकी गोपनीय टीम निगरानी कर रही है। ड्यूटी के दौरान उनके आचरण व व्यवहार आदि परखे जा रहे हैं। क्रमश: सुधार दिखना शुरू हुआ तो ठीक, वरना क्रमवार शुरू हुई कार्रवाई बर्खास्तगी तक जा सकती है। गोपनीय टीम एक महीने बाद इसकी रिपोर्ट देगी, जिस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि नोटिस का संबंधित पुलिसकर्मियों पर गहरा असर देखा जा रहा है। नोटिस मिलने व लगातार निगरानी शुरू होने के बाद कई पुलिसकर्मी खुद अपने आचरण व व्यवहार पर मंथन करने लगे हैं। कुछ कर्मी साथियों से भी प्रतिदिन अपने आचरण व व्यवहार को लेकर पूछताछ कर रहे हैं कि सुधार दिखना शुरू हुआ है या नहीं। इसके पीछे विभाग की भी मंशा यही है कि सबमें सुधार हो और पुलिस की छवि पर किसी तरह की आंच न आए।
SP कुशीनगर SP कुशीनगर धवल जायसवाल ने बताया की चिह्नित पुलिसकर्मियों को सुधार का मौका दिया गया है। सुधार होने तक इन्हें गंभीर जिममेदारियों वाली ड्यूटी नहीं दी जा रही है। गोपनीय टीम लगाकर निगरानी करायी जा रही है। यह स्पष्ट होने के बाद कि संबंधित पुलिसकर्मी नहीं सुधरेगा, कठोर विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।