scriptपोषाहार के लिए अब बनाए जा रहे स्वयं सहायता समूह | now making self help groups | Patrika News

पोषाहार के लिए अब बनाए जा रहे स्वयं सहायता समूह

locationकुचामन शहरPublished: Sep 18, 2018 01:00:11 pm

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

ब्लॉक के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में नहीं है समूह, पांच-पांच केन्द्रों पर एक समूह ही कर रहा आपूर्ति

poshahar

kuchaman

कुचामनसिटी. भले ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग स्वयं सहायकता समूहों का गठन जरूरी हो, लेकिन कुचामन ब्लॉक में पांच-पांच आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक ही स्वयं सहायता समूह द्वारा आपूर्ति की जा रही है। हालांकि विभाग के अधिकारी इसे गलत नहीं बता रहे हैं। उनका कहना है कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं हो पाया है, वहां दूसरे केन्द्र के समूह से पोषाहार की आपूर्ति की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग के कुचामन परियोजना क्षेत्र में 280 आंगनबाड़ी केन्द्र है, इनमें से 67 केन्द्रों पर ही पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। अन्य जगहों पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से समूह गठन के प्रयास किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर दो तरह का पोषाहार वितरण किया जाता है। एक गर्म तथा दूसरा पैकेट के रूप में। गर्म पोषाहार केन्द्र पर ही तैयार किया जाता है। इसमें एक दिन खीचड़ी व एक दिन दलिया का वितरण होता है। वहीं दूसरे पोषाहार के रूप में गर्भवती धात्रियों के लिए 930 ग्राम का पैकेट 6 दिन के लिए दिया जाता है। वहीं छह माह से तीन साल से छोटे बच्चों के लिए 750 ग्राम पोषाहार का पैकिट वितरित किया जाता है। पैकिट का पोषाहार स्वयं सहायता समूह की ओर से तैयार किए जाते हैं। इसमें समूह अपने स्तर पर खाद्य सामग्री खरीद कर पोषाहार तैयार करता है तथा पैकेट के रूप में आंगनबाड़ी केन्द्र पर उपलब्ध करवाता है। कुछ दिनों पूर्व एसीबी की टीम ने कुचामन महिला एवं बाल विकास विभाग में दस्तावेजों की जांच की थी। हालांकि इस संबंध में अभी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
ऐसे बनता है समूह
आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषाहार उपलब्ध करवाने के लिए दस महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाया जाता है। हालांकि समूह एक वर्ष पुराना होना चाहिए। समूह के पास फूड लाइसेंस भी होना आवश्यक है। साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होना भी जरूरी है। समूह की सभी महिलाओं की सहमति से पोषाहार सामग्री की खरीद की जाती है। फिर उसे पैकेट के रूप में आंगनाबाड़ी केन्द्रों पर वितरित किया जाता है।
इनका कहना है
कुचामन परियोजना क्षेत्र में ६७ स्वयं सहायता समूहों की ओर से पोषाहार उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा है। जहां स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं हुआ है, वहां दूसरे केन्द्रों के स्वयं सहायता समूहों से पोषाहार की आपूर्ति की जा रही है।
– शक्ति सिंह, सीडीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग, कुचामनसिटी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो