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पढ़ाई होगी 10 प्रतिशत मंहगी ! अफसरों के लिए खरीदी जाएंगी 50 लाख की कारें…खबर में जानिए पूरा माजरा

locationकोटाPublished: Mar 28, 2019 10:56:17 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) से पढ़ाई करना अब और मंहगा हो जाएगा..

Studying Rajasthan Technical University RTU will become more expensive

पढ़ाई होगी 10 प्रतिशत मंहगी ! अफसरों के लिए खरीदी जाएंगी 50 लाख की कारें…खबर में जानिए पूरा माजरा

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) से पढ़ाई करना अब और मंहगा हो जाएगा। वित्त समिति ने विवि की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गुरुवार को परीक्षा शुल्क में 10 प्रतिशत का इजाफा करने की मंजूरी दे दी। बैठक में आला अफसरों की सहूलियत के लिए 50 लाख की कारें खरीदने और कुलपति तलाशने के लिए गठित वीसी सर्च कमेटी के सदस्यों का मानदेय करीब साढ़े तीन गुना बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई।

आरटीयू वित्त समिति की 18वीं बैठक गुरुवार को कुलपति सचिवालय में हुई। विवि प्रशासन ने संविदा पर वाहन हायर करने के लिए 19 फरवरी को जारी किए गए वित्त विभाग के परिपत्र का हवाला देते हुए वित्त समिति को जानकारी दी कि एक वाहन का जीएसटी के साथ वार्षिक किराया लगभग 3.02 लाख रुपए होता है। प्रति कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, परीक्षा नियंत्रक, डीन फेकल्टी अफेयर्स, डीन एकेडमिक अफेयर्स और संपदा अधिकारी के उपयोग के लिए संविदा पर वाहन हायर किए जाते हैं,
इसलिए वित्त वर्ष 2019-20 में इस पर 21.14 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इन सभी अधिकारियों को राजकीय यात्राएं करने के लिए पूरे प्रदेश में कार से घूमना पड़ता है। इसका भुगतान भी विवि ही करता है। इसलिए विवि की निजी आय से इन सभी अधिकारियों के लिए नए वाहन खरीद लिए जाएं। इसके लिए 50 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।

नहीं रखा पूरा ब्यौरा
विवि प्रशासन ने अपने प्रस्ताव में कॉन्ट्रेक्ट पर हायर की जाने वाली कारों का खर्च तो बता दिया, लेकिन कार खरीदने के साथ इन्हें चलाने के लिए ड्राइवरों की भर्ती करने, उनके वेतन भत्ते, पेट्रोल और मैंटेनेंस आदि वार्षिक खर्च का ब्यौरा नहीं रखा। ऐसे में कारें खरीदने से विवि को वित्तीय घाटा होगा या मुनाफा इसका वास्तविक अंदाजा नहीं लगाया जा सका। बावजूद इसके वित्त समिति ने वित्त विभाग से अनुमति लेने और प्रबंध मंडल से भी प्रस्ताव को अनुमोदित कराने की शर्त के साथ वाहनों की खरीद को प्रशासनिक अनुमति दे दी।

फिर बढ़ गई फीस
एक तरफ तो विवि प्रशासन अफसरों की सहूलियत के लिए कारें खरीदने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर विवि की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए छात्रों की फीस बढ़ा रहा है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने राज्यपाल कल्याण सिंह को सालों से फीस नहीं बढ़ाए जाने और सरकार से पर्याप्त बजट नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने की जानकारी दी थी।
इसके बाद राजभवन ने अगस्त 2017 में परीक्षा शुल्क में सालाना अधिकतम दस प्रतिशत तक की वृद्धि करने के निर्देश विश्वविद्यालयों को दिए थे। इसके आधार पर वित्त समिति ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 के परीक्षा शुल्कों में 10 प्रतिशत का इजाफा करने की मंजूरी दे दी, जबकि मई 2018 में भी विवि फीस बढ़ा चुका है।

गठन के बाद बढ़ा मानदेय
नए कुलपति की तलाश के लिए फरवरी में वीसी सर्च कमेटी गठित की गई थी। समिति के सभी सदस्यों को प्रति बैठक डेढ़ हजार रुपए मानदेय दिए जाने की भी जानकारी दे दी गई, लेकिन एमएनआईटी जयपुर में 19 फरवरी को जब कमेटी की पहली बैठक हुई तो सभी सदस्यों ने तय मानदेय लेने से इनकार कर दिया।
सदस्यों की मांग पर प्रति बैठक न्यूनतम पांच हजार रुपए का मानदेय देने के प्रस्ताव को भी वित्त समिति ने मंजूरी दे दी। विवि सूत्रों के मुताबिक चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बैठक में शामिल चार सदस्य नए कुलपति की दौड़ में भी शामिल हैं।

नॉमिनी ने भी भेज दिए नॉमिनी
बैठक में चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रदेश के फाइनेंस सेक्रेटरी ने संभागीय आयुक्त को वित्त समिति की बैठक में शामिल होने के लिए अपना प्रतिनिधि नामित किया था, लेकिन संभागीय आयुक्त के भी प्रतिनिधि के तौर पर टीपी मीणा बैठक में शामिल हुए।
सचिव तकनीकी शिक्षा ने भी अपना प्रतिनिधि ही बैठक में भेजा। बैठक में कार्यवाहक कुलपति प्रो. नीलिम सिंह, रजिस्ट्रार एवं प्रभारी एफओ सुनीता डागा, बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य पूर्व कुलपति प्रो. एनपी कौशिक, पूर्व प्रति कुलपति प्रो. राजीव गुप्ता, प्रो. एससी जैन और प्रो. विवेक पांडेय शामिल हुए।

राजभवन के निर्देश पर फीस बढ़ाई गई है। कारों की खरीद के लिए सरकार से अनुमति लेने के साथ प्रस्ताव को बोम में भी पास करवाया जाएगा। रही बात पूर्व कुलपति और पूर्व प्रति कुलपति आदि को बैठक में बुलाने की तो उन्हें बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य बैठक में शामिल किया गया था।
– प्रो. नीलिमा सिंह, कार्यवाहक कुलपति, राजस्थान तकनीकी विवि

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