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प्राचार्य मीणा ने बताया कि रात करीब एक बजे उन्हें मकान में धड़ाधड़ पत्थर गिरने की आवाजें आईं। इनसे उनकी व परिजनों की नींद टूट गई। परिजन दहशत में आ गए, उनकी बाहर आने तक की हिम्मत नहीं हुई। उन्होंने खिड़कियों से देखा, लेकिन अंधेरे में कुछ नहीं दिखा। आवाज से आसपास के घरों के लोग भी जाग गए। घरों में लाइटें जलने पर हमलावर भाग छूटे। BIG News: राजस्थान में यहां ऊंची कीमत में बिकता है खून, लगती है बोलियां…
हो सकता है कॉलेज का विवाद
पुलिस के अनुसार तीनों हमलावर युवा थे। प्रथमदृष्टया मामला महाविद्यालय में किसी विवाद को लेकर होना संभव है। प्राचार्य मीणा ने बताया कि इन दिनों महाविद्यालय में प्रायोगिक परीक्षाएं चल रही हैं। छात्रों को नियम-कायदों के लिए पाबंद किया जाता है। ऐसे में किसी भी छात्र को कोई बात बुरी लगी हो तो वह भी वारदात को अंजाम दे सकता है।
फैल गए कांच के टुकड़े व टूटी ईंटें
रात को अचानक हुई इस पत्थरबाजी से प्राचार्य मीणा के घर के आंगन में कांच व ईंट के टुकड़े फैल गए। पत्थरबाजी की आवाजें सुन पड़ोस में रहने वाले निर्मल नागर व बालकिशन सोनी समेत कई लोग लाठियां लेकर घरों से बाहर आए, लेकिन इससे पहले ही हमलावर भाग गए थे। लोगों ने वारदात के बाद पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तथा आसपास तलाश शुरू की, लेकिन हमलावरों का सुराग नहीं लगा।
बाइक पर सवार थे तीन युवक
पुलिस ने सुबह वारदात के बाद नजदीक ही स्थित सेन्ट्रनल एकेडमी स्कूल के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। एक कैमरे में वारदात के बाद के समय में बाइक पर सवार तीन युवक नजर आए, लेकिन यह तस्वीर काफी धुंधली होने से उनकी पहचान नहीं हो सकी। बाद में चारमूर्ति चौराहा पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी खंगाले गए। देर शाम तक पुलिस को हमलावरों की पहचान में कामयाबी नहीं मिली थी।