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पत्रिका संवाददाता ने बुधवार को यहां का जायजा लिया तो हालात बहुत खराब नजर आए। जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग और संस्थाओं की बैठक ले रहे थे। इसमें शहर में जगह-जगह जमा पानी में लार्वा पैदा नहीं हों, इसके इंतजाम करने के बारे में गंभीरता से चर्चा हो रही थी, जबकि कलक्ट्रेट परिसर में पानी भरा हुआ है। यहां जिला कलक्टर के अलावा दो अतिरिक्त जिला कलक्टर, एक उप जिला कलक्टर, तहसीलदार सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी रोज आते हैं, लेकिन उन्हें परिसर में न तो आवारा मवेशी दिखाई देते, न ही जमा पानी। ट्रेजरी के बाहर भी मवेशी बैठे मिले और सहायक कलक्टर कार्यालय के बाहर गोबर पड़ा हुआ था।
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दिन हो या रात मवेशियों के हवाले रहती हैं सड़कें
शहर में मवेशियों का आतंक ( Stray cattle Terror ) बढ़ता जा रहा है। शहर की सड़कों से लेकर हाइवे तक आवारा मवेशी हादसों की वजह बन रहे हैं। रात में भी सड़कों पर बेखौफ घूम रहे आवारा मवेशियों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। ( road accident ) स्टेशन रोड पर सर्किट हाउस वाले इलाके में रात को रोड लाइटें बंद रहती हैं। इस कारण सड़क पर बैठे मवेशी दूर से दिखाई नहीं देते। पत्रिका संवाददाता ने रात को सड़कों का जायजा लिया तो जगह-जगह गाय और भैंसें बैठी मिली। BIG News: कांग्रेस सरकार का बढ़ा फैसला, राजस्थान में पशु पालने पर दर्ज होगा मुकदमा, लगेगा 100 गुना जुर्माना स्टेशन रोड पर सर्किट हाउस इलाके में रात में रोड लाइट बंद थीं और सड़क के किनारे मवेशी सुस्ता रहे थे। वहीं रात में रेलवे वर्कशॉप के पास सोगरिया रोड पर अंधरे में बीच सड़क पर भैंसों का झुंड खड़ा मिला। स्टेशन क्षेत्र में दोपहर में भी सड़कों पर आवारा मवेशी पसरे नजर आए। यहां बजरिया और रंगपुर रोड, बोरखेड़ा केनाल रोड पर जगह-जगह मवेशियों के झुंड बैठे हुए थे। नयापुरा में एमबीएस अस्पताल के सामने भी यही हाल नजर आया। इधर, छावनी इलाके में मुख्य मार्ग पर रात में सड़़कों पर आवारा मवेशी बैठे रहते हैं। इससे आने-जाने वाले लोगों को भी परेशानी होती है।