script#AbAurNahi : चंद घंटों पहले आई थी सकुशल पहुंचने की सूचना फिर आया शहादत का संदेश | Soldier Hemraj Meena Shahid on Pulwama Terror attack in Jammu Kashmir | Patrika News

#AbAurNahi : चंद घंटों पहले आई थी सकुशल पहुंचने की सूचना फिर आया शहादत का संदेश

locationकोटाPublished: Feb 15, 2019 04:14:47 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

कोटा जि‍ले के सांगोद विनोदखुर्द गांव के रहने वाले शहीद हेमराज दो दिन पहले ही छुट्टियां बीताकर ड्यूटी पर लौटे थे। सकुशल पहुंचने की सूचना के चंद घंटों बाद ही परिजनों को शहादत का संदेश मिला।

Terror attack

#AbAurNahi : चंद घंटों पहले आई थी सकुशल पहुंचने की सूचना फिर आया शहादत का संदेश

कोटा. अब न तो हेमराज अपने दोस्तों से मिलेंगे और न ही कभी घर छुटिटयां बितानें अपने गांव आएंगे, लेकिन देशवासियों के दिलों में हमेशा रहेंगे। सांगोद जिले के विनोदखुर्द गांव के रहने वाले शहीद हेमराज तीन दिन पहले ही छुट्टियां बीताकर लौटे थे। वे जब भी अपने गांव आते थे तो जैसे पूरा गांव ही उन्हें अपना परिवार महसूस होता।
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वे नए पराने दोस्तों से आत्मीयता से मिलते, उन्हें मातृभूमि के किस्से सुनाते। परिवार के बच्चे बच्चे से खुले दिल से बतियाते थे। हेमराज इतने मिलनसार थे कि अपनों से मिलने का कोई मौका ही हाथ से नहीं जाने देते थे। खास बात तो यह भी थी कि तीन दिन पहले जब वे छुट्टियां बीताकर लौटे तो उन्होंंने वहां पहुंचते ही उन्होंने परिवार को सकुशल पहुंचने की सूचना दी। इसके चंद घंटे बाद ही जो सूचना सीमा से परिवार जनों के पास आई, उसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। हर आंख में आंसू है, दर्द है, अब न हेमराज छुट्टियों में गांव आएंगे, न दोस्तों से दोस्ती की बातें होगी, बस दिलों में हेमराज की दोस्ती की यादें हमेशा ताजा रहेगी।
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दो दिन पहले ही लौटे थे हेमराज
हेमराज 12 फरवरी को ही छुट्टियां खत्म कर सांगोद से वापस लौटे थे। लौटते ही उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली। वर्ष 2009 में सीआरपीएफ ज्वाइन करने वाले शहीद हेमराज बेहद मिलनसार और दिलेर इंसान थे। जब भी घर आते परिजनों और दोस्तों से मिलने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उनका परिवार दस साल से सांगोद में रह रहा है। करीब छह साल किराए के मकान में रहने के बाद चार साल पहले ही सेन कॉलोनी में अपना मकान बनवाया था। हेमराज की शहादत की जानकारी मिलने के बाद देर रात उनके छोटे भाई सोनू मीणा उर्फ नरेंद्र और अन्य परिजन भी सांगोद स्थित आवास पर पहुं्च गए। तब कहीं जाकर शहीद के बच्चों को पिता की शहादत की खबर लगी। जिसके बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
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दुख और आक्रोश की लहर

हेमराज की शहादत की खबर लगते ही उनके पैत्रिक गांव विनोद खुर्द में दुख और आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों ने बताया कि इसी मंगलवार को हेमराज गांव आए थे, लेकिन किसी को क्या पता था कि अब वो फिर कभी लौटकर नहीं आएंगे। ग्रामीणों ने आतंकी हमले की भर्तसना करते हुए सरकार से तत्काल जवाबी कार्रवाई की मांग की है। हेमराज के तीनों भाई, पिता हरदयाल और मां रतना बाई के साथ गांव में ही रहते हैं। हैं। रामविलास ने बताया कि हेमराज की पत्नी व बच्चे सांगोद की सेन कॉलोनी में रहते हैं। बच्चे वहीं पढ़ते हैं।
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