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गावों में तेजी से फैल रही अफवाहों को नहीं रोका गया तो हालात बिगड़ सकते हैं..

locationकोटाPublished: Jan 02, 2019 07:28:47 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

एक व पांच के सिक्के लेने में आनाकानी कर रहे दुकानदार, लोगों की बढ़ रही परेशानी

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गावों में तेजी से फैल रही अफवाहों को नहीं रोका गया तो हालात बिगड़ सकते हैं..


सांगोद (कोटा). इन दिनों ज्यादातर दुकानों पर एक से पांच रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद सा कर दिया है। दुकानदारों द्वारा सिक्के न लेने की एक वजह फेक न्यूज है। ग्रामीण अंचलो में इनके बंद होने की अफवाहें तेजी से फैल रही है। इसका प्रतिकुल असर आमजन पर तो पड़ ही रहा है।
पहले दुकानदारों ने दस के सिक्के बंद किए। धीरे-धीरे उनका चलन शुरू हुआ तो फिर एक से पांच रुपए तक के सिक्के लेने में दुकानदार आनाकानी करने लगे हैं। इससे लोगों की परेशानी बढऩे लगी है। जल्द सरकार ने इसका समाधान नहीं खोजा तो हालात गंभीर हो सकते हैं।
सिक्कों के चलन को लेकर रिजर्व बैंक ने नियम कायदे बना रखे हैं लेकिन यहां बाजारों में सिक्कों का चलन दुकानदारों की मनमर्जी से हो रहा है। नियमों को दरकिनार कर दुकानदार बहाने बनाकर लोगों से सिक्के लेने से मना कर रहे हैं। आए दिन दुकानदार व ग्राहकों के बीच बहस भी हो रही है। सब्जीमंडी में तो कोई दुकानदार सिक्के नहीं ले रहा। दुकानदारों का कहना है कि सिक्के जब बैंकों में जमा करने जाते हैं तो बैंक वाले इन्हें लेने से मना कर देते हैं। जिससे दुकानों पर बड़ी मात्रा में सिक्के जमा हो गए हैं। मजबूरन सिक्कों को लेना बंद करना पड़ रहा है। हाल ही सांगोद आए विधायक भरत सिंह को भी कई व्यापारियों ने समस्या से अवगत कराया और बैंकों को सिक्के लेने के लिए पाबंद करने की मांग रखी।
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अभिभावक भी परेशानी
सिक्कों का चलन बंद होने से अभिभावकों की भी परेशानी बढ़ गई है। बच्चे स्कूल जाने के लिए ना नुकुर करते हैं तो उन्हें अभिभावक एक से पांच रुपए का सिक्का थमा देते हैं। बच्चे भी इन्हें लेकर हंसी-खुशी स्कूल चले जाते हैं लेकिन बाजार में दुकानों पर सिक्के नहीं लेने से बच्चे रोजाना निराश लौट रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को दस रुपए का नोट देना पड़ रहा है।
नहीं लेते सिक्के
बाजारों में दुकानदार सिक्के नहीं लेते। बच्चों को पहले रोजाना एक से पांच रुपए दे देते थे लेकिन सिक्के नहीं लेने से परेशानी बढ़ गई है। अब बच्चे जिद करते हैं तो दस रुपए तक देने पड़ जाते हैं।
सुरेश कुमार अभिभावक
सिक्के लेने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन दुकानों पर इतने सिक्के जमा हो गए हैं कि इन्हें बैंक में जमा करने जाते हैं तो वहां भी मना कर दिया जाता है। ऐसे में इनका लेन-देन बंद करना मजबूरी है।
अशोक कुमार, दुकानदार

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