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बच्चों ने लगाया कान, घर बैठे पा रहे ज्ञान

लॉकडाउन लगने के बाद से प्रदेश के सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूल भी बंद हैं, जिससे बच्चों का अध्ययन बाधित हो रहा है। परीक्षाएं भी नहीं हुई। बच्चों को घर बैठे अध्ययन कराने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से नई पहल करते हुए शिक्षा वाणी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।

कोटाMay 24, 2020 / 01:38 pm

Dilip

बच्चों ने लगाया कान, घर बैठे पा रहे ज्ञान

बच्चों ने लगाया कान, घर बैठे पा रहे ज्ञान

रावतभाटा. लॉकडाउन लगने के बाद से प्रदेश के सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूल भी बंद हैं, जिससे बच्चों का अध्ययन बाधित हो रहा है। परीक्षाएं भी नहीं हुई। बच्चों को घर बैठे अध्ययन कराने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से नई पहल करते हुए शिक्षा वाणी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। हालांकि विभाग की ओर से स्माइल प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन कराया जा रहा है लेकिन कई गांवों में इंटरनेट की गति धीमी होने या इंटरनेट नहीं आने पर बच्चों का अध्ययन कार्य बाधित हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षावाणी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
इसके तहत सुबह 11 से 11.55 तक बच्चों को रेडियो के माध्यम से अध्ययन कराया जा रहा है। विभाग की ओर से शिक्षावाणी नाम से एक ब्रोशर भी निकाला गया है, जिसे संस्था प्रधानों व शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल पर वाट्एसप पर भेजा गया है, जिससे वे अपने क्षेत्र के संभाग स्थित रेडियो सेन्टर के आईकॉन पर क्लिक करके इस कार्यक्रम को आसानी से सून सकें।
30 जून तक चलेगा प्रसारण
आकाशवाणी व स्कूल शिक्षा विभाग के बीच हुए अनुबंध के तहत यह कार्यक्रम 30 जून तक चलेगा। एससीईआरटी उदयपुर ने इसके लिए तीन भागों में विषय वस्तु तैयार की है।
तीन भागों में बांटा अध्ययन
पहले 15 मिनट: कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए मीना की कहानी पर आधारित है। इस कार्यक्रम को यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है।
अगले 20 मिनट: कक्षा 3 से 8वीं तक के विषय वस्तु पर आधारित सामग्री का प्रसारण किया जा रहा है।
अंतिम 2० मिनट: कक्षा 9 से 12वीं के लिए विषय वस्तु आधारित सामग्री का प्रसारण, जो वर्ष 2020-21 के पाठ्यक्रम बदलाव पर आधारित है।
्रग्रामीण क्षेत्रों के लिए कारगार साबित
बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन कराने के लिए प्रोजेक्ट स्माइल भी चल रहा है। सभी कक्षाओं का कंटेन्ट आरएससीईआरटी की ओर से तैयार किए जा रहे हंै। कंटेन्ट बच्चों या अभिभावकों के वाट्सएप मोबाइल पर भेजा जा रहा है। इससे शहरी क्षेत्र के बच्चे तो आसानी से अध्ययन कर लेते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। इसको बीकानेर निदेशालय की ओर से गंभीरता से लिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं पीछे नहीं रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए उक्त कार्यक्रम तैयार किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को काफी राहत मिल रही है।
यहां नहीं आता इंटरनेट
जवाहर नगर, बलकुंडी, देवपुरा, बरखेड़ा, राजपुरा, मंडेसरा, कुशलगढ़, बस्सी ग्राम पंचायत के सैकड़ों गांवो में इंटरनेट या तो आता ही नहीं है। यदि आता है तो काफी कम आता है, जिससे उक्त जगहों के बच्चे स्माइल प्रोजेक्ट के तहत बच्चे लाभान्वित नहीं हो पा रहे थे लेकिन शिक्षावाणी प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। वर्जन
शिक्षावाणी कार्यक्रम के तहत बच्चे रेडियो पर अध्ययन कर रहे हैं। उक्त कार्यक्रम से शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी लाभान्वित हो रहे हैं।
पन्नालाल बैरवा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, रावतभाटा

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