घोटाले के आरोपों पर भड़के महापौर, बोले, ‘राजनीति चमकाने के
लिए मुझ पर लांछन लगा रहे नेता प्रतिपक्ष सुवालका’ पत्रिका: स्थानीय निकाय प्रमुखों की चुनाव प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है।
धारीवाल: वर्ष 2009 में जो नियम थे वही इस बार लागू हैं। नौ माह पहले ही इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई, लेकिन बहुत से लोगों ने नियम नहीं पढ़े, इसलिए अब वो चर्चा कर रहे हैं।
लिए मुझ पर लांछन लगा रहे नेता प्रतिपक्ष सुवालका’ पत्रिका: स्थानीय निकाय प्रमुखों की चुनाव प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है।
धारीवाल: वर्ष 2009 में जो नियम थे वही इस बार लागू हैं। नौ माह पहले ही इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई, लेकिन बहुत से लोगों ने नियम नहीं पढ़े, इसलिए अब वो चर्चा कर रहे हैं।
पत्रिका: आपकी पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने इस निर्णय पर दुबारा विचार करने का सुझाव दिया है।
धारीवाल: भरत सिंह वरिष्ठ विधायक हैं, उनके सुझावों का स्वागत करते हैं। सुझाव आना अच्छी बात है।
धारीवाल: भरत सिंह वरिष्ठ विधायक हैं, उनके सुझावों का स्वागत करते हैं। सुझाव आना अच्छी बात है।
पत्रिका: स्थानीय निकाय प्रमुख के चुनाव के लिए आपकी दृष्टि से क्या ये नियम सही हैं।
धारीवाल: सवाल तो तब उठना चाहिए जब नए नियम बनाए हों, वर्ष 2009 जो नियम बने वही अब लागू किए हैं। उस समय निकाय प्रमुख का चुनाव सीधा हुआ, इस बार पार्षद करेंगे। पहले भी कोई भी पात्र व्यक्ति खड़ा हो सकता था और अभी चुनाव लड़ सकता है, चुनाव पार्षद करेंगे।
धारीवाल: सवाल तो तब उठना चाहिए जब नए नियम बनाए हों, वर्ष 2009 जो नियम बने वही अब लागू किए हैं। उस समय निकाय प्रमुख का चुनाव सीधा हुआ, इस बार पार्षद करेंगे। पहले भी कोई भी पात्र व्यक्ति खड़ा हो सकता था और अभी चुनाव लड़ सकता है, चुनाव पार्षद करेंगे।