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गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण की काली छाया, 149 साल बाद त्रिग्रही युति करेगा कई बदलाव…ब्लड मून का होगा दीदार

locationकोटाPublished: Jul 06, 2019 08:00:01 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

chandra garahan 2019 गुरु पूर्णिमा को गुरु शिष्य पर ग्रहण की काली छाया

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गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण की काली छाया, 149 साल बाद त्रिग्रही युति करेगा कई बदलाव…ब्लड मून का होगा दीदार

कोटा. chandra garahan 16-17 जुलाई की रात में चंद्र ग्रहण होगा। सम्पूर्ण भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। lunar eclipse in India इस बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हो रहा है।

रात 1:31 से सुबह 4:30 तक पड़ने वाला चंद्र ग्रहण देश में दिखाई देगा। ग्रहण भारत के अलावा यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका दक्षिण ध्रुव में दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि यह चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और धनु व मकर राशि में घटित होगा। वहीं, इस साल के अंत में 26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
ब्लड मून का दीदार करेंगे लोग

आषाढ़ी पूर्णिमा को भारत में चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि यह आंशिक चंद्रग्रहण है। इस दिन गुरु पूर्णिमा भी रहेगी। इस दिन लोगों को ब्लड मून का दीदार होगा। ग्रहण के दौरान चांद अन्य दिनों की अपेक्षा 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकीला दिखेगा।
149 साल बाद ग्रहण पर त्रिग्रही युति

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि गुरू पूर्णिमा पुर्वा, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित होगी। धनु राशि में चंद्र,केतु, शनि की त्रिग्रही युति के साथ हो रहा है। यही नहीं इसका समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रही है।
ग्रहों की दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीडि़त हैं। ऐसा योग राज्य या देश की शासन प्रणाली में परिवर्तन देता है। कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली में बदलाव होता है। मंगलवार को ग्रहण होने से फसलों में कीड़े लगने से नुकसान, लाल रंग की वस्तु में तेजी,व्यापारी,डॉक्टर, किसानों को परेशानी हो सकती है।इसके अलावा वातावरण में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।
सूतक से पहले गुरू पूजन

खंडग्रास चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को पड़ेगा। इसका सूतक शाम 4:32 बजे से प्रारंभ होगा जो समापन 17 जुलाई को सुबह 4:31 बजे होगा। यानी 16 जुलाई की शाम को मंदिरों के पट बंद रहेंगे।ग्रहण सूतक गुरु पूर्णिमा के दिन शाम को लग जाने के कारण गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु पूजा के साथ सूतक काल से पहले ही मना लिया जाएगा।
यह रहेगा ग्रहण काल

स्पर्श रात 1.31 बजे
मध्य रात 3 बजे
मोक्ष रात 4.30 बजे
सूतक शाम 4.31 बजे

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