राजावत सोमवार को छावनी चौराहा स्थित एक के सभागार में राजपूत समाज की बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में उन्होंने राजपूतों की उपेक्षा को लेकर झालावाड़ सांसद दुष्यंतसिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि झालावाड़ में दो लाख राजपूत है, लेकिन सांसद राजपूतों के घर तक नहीं जाते। दुष्यंत को राजपूतों का डर नहीं है। सांसद छोटी जातियों के लोगों के यहां ढोक लगाते फिर रहे हैं। राजावत ने कहा कि पूरे राजस्थान में न तो कोई राजपूत एसपी है, न राजपूत कलक्टर है। पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत का जमाना था जब राजपूत सीना तान कर चलते थे और यह कहने में गर्व महसूस करते थे कि उनके समाज का बेटा मुख्यमंत्री है। पर अब परिस्थितियां बदल गई, इस राज में समाज की काई अहमियत नहीं रही। अब समाज को चाहिए कि हाड़ौती के 3 लाख राजपूत खड़े हो जाए और भाजपा व कांग्रेस को इस बात के लिए मजबूर कर दें कि उन्हें हाड़ौती में एक नहीं 3-3 टिकिट देने पडेंगे।
राजावत ने ऐसा क्यों कहा कि पोकरण की मिटटी हमारे लिए चंदन है
खुद के टिकट पर भी बोले राजावत ने कहा कि उन्हें टिकिट मिले या नहीं मिले, वे इसकी परवाह नहीं करते। तीन बार जनता ने सेवा का अवसर दिया है और आगे भी पार्टी चाहेगी तो वे प्रत्याशी होंगे लेकिन राजपूतों की बैठक पार्टी टिकिट के लिए नहीं होकर समाज की एकता के लिए है। वे नहीं चाहते कि एकता के प्रदर्शन के लिए गूजरों की तरह रेल की पटरियों पर बैठें लेकिन अब शक्ति के प्रदर्शन के लिए जून माह में राष्ट्रीय विचारधारा के राजपूतों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसका नाम होगा ‘राजपूतों का राजनैतिक भविष्य आयोजन स्थल की घोषणा भी शीघ्र की जाएगी।
इन्होंने भी सम्बोधित किया
हाड़ौती क्षत्रिय शिक्षा प्रचारिणी समिति के पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह खेड़ली तंवरान, महामंत्री राजेन्द्र सिंह तंवर, विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक प्रताप सिंह नागदा, झालावाड़ नगर परिषद के उपाध्यक्ष जयदीप सिंह, पूर्व प्रधान मानवेन्द्र सिंह हाड़ा, पार्षद नरेन्द्र हाड़ा, हाड़ौती युवा राजपूत महासभा के अध्यक्ष अर्जुन सिंह गौड़, उपाध्यक्ष चंदन सिंह शक्तावत, रिटायर्ड तहसीलदार भवानी सिंह चौहान ने भी सम्बोधित किया। संचालन डॉ. गोपाल सिंह नरूका ने किया।