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राजस्थान की इस जेल में फिल्मी अंदाज में खेला जा रहा है मौत का खेल…

locationकोटाPublished: Feb 19, 2019 07:22:37 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

kota news

राजस्थान की इस जेल में फिल्मी अंदाज में खेला जा रहा है मौत का खेल…

कोटा. जानलेवा हमले के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की सोमवार सुबह केन्द्रीय कारागार कोटा में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने तीन सदस्यों के चिकित्सा बोर्ड से मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। मामले की जांच शुरू की गई। फिलहाल मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसका खुलासा हो सकेगा।

पुलिस ने बताया कि कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के सकतपुरा निवासी निखिल सिंह राजावत उर्फ भवानी (25) जानलेवा हमले के मामले में वर्ष 2016 से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। सोमवार सुबह उसकी तबीयत बिगडऩे व मुंह से झाग आने पर जेल से हैड कांस्टेबल देवीलाल एमबीएस चिकित्सालय लेकर गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नयापुरा पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक भंवरसिंह हाड़ा, नयापुरा थानाधिकारी अंकित जैन व मामले के जांच अधिकारी रमेशचंद मौके पर पहुंचे तथा परिजनों से समझाइश की।

एक रात पहले जेल से पिता से बात की थी
सूचना पर परिजन व मित्र पोस्टमार्टम रूम पहुंचे। जहां मृतक के पिता दौलतसिंह राजावत ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की ओर से उसके पुत्र की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि जेल में निखिल से मोबाइल पर उनकी रविवार रात करीब साढ़े 11 बजे बात हुई थी। वह बिल्कुल ठीक था। उसने कहा था कि आप मकान का बचा हुआ काम पूरा करवाओ। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पुत्र से जेल प्रशासन के अधिकारियों ने एक लाख रुपए की मांग की थी। उसे परेशान किया जा रहा था। जेलकर्मी पहले भी उससे मारपीट कर चुके थे। इससे उसके सिर में 7 टांके आए थे। उसने परेशान होकर भूख हड़ताल कर दी थी। इस पर उन्होंने जिला प्रशासन को करीब दो माह पूर्व ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जेल में चलते हैं मोबाइल
पिता दौलतसिंह व जेल से लौटे निखिल के साथी ने बताया कि जेल में मोबाइल समेत तमाम प्रकार के साधन पहुंच रहे हैं। जेल में कोई भी वस्तु मांग करने पर मिल जाती है। बस बंदी व परिजन रुपए खर्च करने में सक्षम होने चाहिए। पिता ने बताया कि मृतक ने रविवार रात को साढ़े 11 बजे उनसे मोबाइल पर बात की थी। इसमें उसने स्वयं को स्वस्थ बताया था।
जेल में निखिल बंदी की मौत हुई है। उसका तीन सदस्सीय मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की न्यायिक जांच की जा रही है। मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम होने के बाद चल पाएगा। जेल प्रशासन पर लगाए गए आरोप गलत है। आरोपी हार्डकोर अपराधी व कुन्हाड़ी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। तीन मामलों में उसे सजा हो चुकी है। इसके अलावा उसके खिलाफ अन्य मामले भी विचाराधीन है।
सुमन मालीवाल, जेल अधीक्षक, केन्द्रीय कारागार, कोटा

जेल व चालानी गार्ड से भी हुआ था निखिल का झगड़ा
जेल में सोमवार को संदिग्ध अवस्था में मारे गए बंदी निखिल को कोटा जेल में हुए झगड़े के बाद बूंदी जेल स्थानान्तरित कर दिया गया था। लेकिन दर्जन भर से अधिक मामलों में आए दिन पेशी के चलते उसे वापस कोटा जेल लाया गया था। बूंदी स्थानान्तरित करने से पहले भी उसका चालानी गार्ड से झगड़ा हुआ था।

बदलनी पड़ी थी जेल : निखिल जानलेवा हमले के मामले में केन्द्रीय कारागार कोटा में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। इस दौरान उसका जेल में अन्य बंदियों से झगड़ा हो गया था। इसके अलावा चालानी गार्ड से भी उसका पेशी के दौरान न्यायालय में झगड़ा हो गया था। इस पर चालानी गार्ड की ओर से उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था। ऐसे में जेल प्रशासन ने उसे अपे्रल 2017 में बूंदी जेल स्थानान्तरित कर दिया था, लेकिन उसके खिलाफ दर्जनभर से अधिक मामले होने के कारण आए दिन पेशी होने से जेल प्रशासन ने एक वर्ष बाद अप्रेल 2018 में उसे वापस कोटा जेल स्थानान्तरित कर दिया। इसके बाद से वह कोटा जेल में था।
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