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अब गांव में नौकरी करेंगे सालों से शहरों में मौज काट रहे अफसर

locationकोटाPublished: Sep 17, 2019 06:02:05 pm

Submitted by:

mukesh gour

तत्काल मूल स्थानों पर ज्वॉइन करने के आदेश

Now officers will be working in village, having fun in cities so long

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कोटा. सरकारी प्रतिबंध के बावजूद आला अधिकारियों से साठगांठ कर सालों से शहरों में मौज कर रहे प्रसारण निगम के अभियंता और तकनीकी कर्मचारियों को अब ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना पड़ेगा। राजस्थान पत्रिका के प्रतिनियुक्तियों के खेल के खुलासे के बाद ऊर्जामंत्री ने अफसरों को जमकर फटकारा और अब तक की गई सभी प्रतिनियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी कर दिया।

प्रसारण निगम के अफसरों को सालों से गांव की नौकरी रास नहीं आ रही थी। आरामतलबी की आदत उन्हें बार-बार शहरों की ओर खींच रही है। आलम यह था कि मुख्यालय से सख्त मनाही के बावजूद कोटा के अधीक्षण अभियंता (तकनीकी एवं निर्माण) डीके गुप्ता ने अपने स्तर पर ही प्रतिनियुक्ति के आदेश निकाल कर ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात 70 से ज्यादा सहायक अभियंताओं, कनिष्ठ अभियंताओं, तकनीकी और सहायक कर्मचारियों की तैनाती ग्रामीण क्षेत्रों के उनके मूल स्थानों से हटाकर शहरी इलाकों में कर दी थी। इसके चलते संभाग की बिजली सप्लाई की व्यवस्था बेपटरी हो चुकी थी। इसके चलते वहां तैनात अफसरों से लेकर कर्मचारी तक को डबल शिफ्टों नौकरी करनी पड़ रही है।

खुलासे के बाद हड़कंप
राजस्थान पत्रिका ने 15 सितंबर को ‘रास नहीं आ रहे गांव, कोटा में दी सहूलियत की छांवÓ खबर प्रकाशित कर प्रसारण निगम में दस साल से चल रहे प्रतिनियुक्ति के खेल का खुलासा किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद कोटा सर्किल ऑफिस से लेकर प्रसारण निगम मुख्यालय और ऊर्जा मंत्रालय तक हड़कंप मच गया। आला अफसर यह जानकर सन्न रह गए कि सरकार के प्रतिबंध के बावजूद कैसे कोटा सर्किल में सालों से अधिकारी-कर्मचारी शहरी इलाकों में प्रतिनियुक्तियों के आधार पर काम कर रहे हैं। मामला जब ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला तक पहुंचा तो उन्होंने अफसरों को जमकर फटकारा लगाई और तत्काल सभी प्रतिनियुक्तियों को रद्द करने के आदेश दे डाले।

नए आदेश से पुराने 37 आदेश खारिज
इसके बाद राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम कोटा वृत के अधीक्षण अभियंता डीके गुप्ता ने सोमवार को आदेश (संख्या आरवीपीएन/एसई/टीएंडसी/सेक्शन पीए/एफ19.20/डी1699) जारी कर 2016 के 10, 2017 के सात, 2018 के नौ और 2019 में जारी किए गए 11 प्रतिनियुक्ति आदेशों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। इन 37 प्रतिनियुक्ति आदेशों के जरिए ग्रामीण इलाकों को छोड़कर शहरी इलाकों में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को ग्रामीण इलाकों में अपनी तैनाती के मूल स्थान पर तत्काल हाजिरी देने को कहा गया है।

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