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कोटा

सो रहा है सीएडी, फिर लबालब होंगे खेत

सुल्तानपुर क्षेत्र में किसानों के खेत बरसात में लबालब होना तय है। क्षेत्र की नहरों व ड्रेनों का कोई धणी-धोरी नहीं है। साफ सफाई की बात भी अभी बेईमानी ही है।

कोटाJun 16, 2019 / 12:55 am

Dhitendra Kumar

kota

शाहपुरा माइनर के पास ड्रेन में उगे झाड़-झंखाड़ दिखाते किसान।

कोटा/सुल्तानपुर.

जल्द सीएडी एक्शन मोड में नहीं आया तो सुल्तानपुर क्षेत्र में किसानों के खेत बरसात में लबालब होना तय है। क्षेत्र की नहरों व ड्रेनों का कोई धणी-धोरी नहीं है। सुल्तानपुर सब ब्रांच व बड़ौद सब ब्रांच की नहरों की मरम्मत को लेकर सीएडी की नींद नहीं खुली है। साफ सफाई की बात भी अभी बेईमानी ही है।
क्षेत्र में मानसून में खेतों में जलभराव की विकट समस्या रहती है। खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी ड्रेनों पर निर्भर करती है। पानी की बेहतर निकासी के लिए ड्रेनों का साफ होना आवश्यक है। क्षेत्र में खेतों से पानी निकासी के लिए छोटी-बड़ी करीब 70 से अधिक ड्रेन बनी हुई हैं। कुछ ड्रेनों की तो वर्षों से सफाई नहीं हुई। अधिकांश ड्रेनों में लंबी घास उगी हुई है। ड्रेन नजर तक नहीं आती। पानी की निकासी ढंग से नहीं हो पाती। सीएडी सफाई को लेकर बेपरवाह है।
हर साल फसलें चढ़ जाती हैं भेंट
भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री जगदीश कलमंडा व पूर्व सरपंच खुमान सिंह नरूका ने बताया कि ड्रेनों की सफाई नहीं होने से बरसात में खेतों से पानी की निकासी देरी से होती है। खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। दिनों तक खेत लबालब रहने से फसलें खराब हो जाती हैं। पिछले कई वर्षों से खेरूला, भूनेण, बम्बोलिया, बांक्या, सनीजा बावड़ी आदि गांवों में जलभराव से कई बीघा फसल नष्ट होती रही है। उस समय अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं लेकिन किसी ने सफाई नहीं कराई।
पूरी गर्मी नहीं किया काम-
कांग्रेस देहात जिला उपाध्यक्ष हरिप्रकाश शर्मा व सादिक मंसूरी ने बताया कि सीएडी द्वारा दीगोद, कल्याणपुरा, मानसगांव, डाबर ब्रांच के लिए 51 करोड़ रुपयों से मरम्मत कार्य किया जा रहा है। वह भी क छुआ गति से चल रहा है। सुल्तानपुर सब ब्रांच व बड़ौद सब ब्रांच पर एक भी कार्य नहीं किया गया। जगह जगह से माइनर व नहर टूटी हुई है।
बजट प्रस्ताव भेजा

इधर, मामले में सीएडी के सहायक अभियंता बृजराज सिंह शक्तावत का कहना है कि डे्रनों की सफाई के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। डीपीआर तैयार कर सरकार को भिजवाई है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बाकी नहरों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है।

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