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शहर के लिए नहीं चुनिंदा लोगों के लिए काम कर रहें है महापौर…

locationकोटाPublished: Feb 09, 2019 06:36:11 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

निगम के पार्षदों ने उठाए सवाल, पहले लंबित प्रकरणों पर चर्चा क्यों नहीं होती

kota

शहर के लिए नहीं चुनिंदा लोगों के लिए काम कर रहें है महापौर…

कोटा. नगर निगम के भवन निर्माण समिति की बैठक दो बार निरस्त होने के बाद तीसरी बार हुई बैठक में महापौर और समिति अध्यक्ष ने आनन फानन में अपनी रुचि की पत्रावलियों को संबंधित जोन उपायुक्त की अनुपस्थिति में ही स्वीकृति जारी कर दी। इस आशय का समाचार राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को निगम और शहर में खासी चर्चा रही। इस बारे में जब पार्षदों से बात कर उनकी राय जानना चाही तो पार्षदों ने भी खुलकर गुबार निकाला। पार्षदों के आरोप के बाद महापौर का पक्ष भी जानना चाहा, लेकिन कई बार प्रयास किए जाने के बाद उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

महापौर ने भवन निर्माण समिति की बैठक में यह काम करके यह दिखा दिया कि महापौर शहर के नहीं होकर एक सीमित दायरे में काम करते हैें। उन लोगों का क्या कसूर है जिनकी फाइलें वर्षों से लंबित हैं, उन पर उन्होंने चर्चा करना तक मुनासिब नहीं समझा। नगर निगम में इन दिनों केवल यह चल रहा है, जितना वसूल सको वसूल लो। हमारे पास सबूत है निगम इन दिनों शहर में चल रहे निर्माण कार्यों को बंद करवाने के नाम पर नोटिस दे रहा है। नोटिस के नाम से निगम के अधिकारी काम बंद करवाने की बजाय कुछ और ही काम कर रहे हैं। इसकी शिकायत स्वायत्त शासन मंत्री को भी की है। उन्होंने इनके प्रमाण लेकर जयपुर बुलाया है।
राखी गौतम, पार्षद

& महापौर को भवन निर्माण समिति से इतना मोह क्यों है। उन्हें समिति का अध्यक्ष बनना ही नहीं चाहिए था। मुझे तो लगता है कि महापौर जो समूह बना रखा है, उसी में विद्रोह हो गया है। इसलिए अब उनके समर्थक ही उनका विरोध करने पर उतरे हुए है। बोर्ड की मिटिंग में यह मुद्दा उठााया जाएगा और महापौर से इसका जवाब लेंगे।
अतुल कौशल, पार्षद

बिना उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के यह नहीं हो सकता। महापौर को जनता की इतनी ही चिंता थी तो चार साल में उन्होंने ऐसे फैसले क्यों नहीं लिए। अभी निर्माण स्वीकृति की चिंता क्यों हुई। यह बैठक रद्द होनी चाहिए।
ओम कृष्ण गुंजल, पार्षद

महापौर नगर निगम को स्कूल की तरह चलाना चाह रहे हैं। स्कूल में स्टाफ को कह दिया जाता है, आज शाम को मिटिंग है। ऐसे ही महापौर बिना एजेण्डे व सूचना सदस्यों को दिए बिना आनन फानन में बैठक बुलाकर अपनी मनमर्जी से काम करना चाह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड की मिटिंग आने वाली है, लेकिन इसका एजेण्डा भी अभी तक नहीं भिजवाया।
दिलीप पाठक, पार्षद

भवन निर्माण समिति की बैठक बिना एजेण्डे व सदस्यों को बिना सूचना व उपायुक्तों की अनुपस्थित में बुलाना संदेह के घेरे में है। इस तरह आयोजित की गई मिटिंग को निरस्त कर दुबारा बुलानी चाहिए। मैं समिति का सदस्य होता तो इस बैठक को निरस्त करवा के ही रहता, चाहें इसके लिए ऊपर क्यों नहीं जाना पड़ता।
गोपालराम मंडा, पार्षद

महापौर अपनी पसंद की फाइलों को ही बैठक में रखते है और उन्हें स्वीकृति दिलवाते है। जबकि होना यह चाहिए कि निर्माण समिति की जो भी फाइल निगम में आए उस पर पन्द्रह दिनों में समिति स्वीकृति या अस्वीकृति का फैसला दे। ऐसे में लोगों को चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
मोहम्मद हुसैन, पार्षद
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