नापाक हरकत पर दहाड़े राजावत, बोले- खून का बदला खून चाहता है देश, दुनिया के नक्शे से मिटा दो पाकिस्तान का नाम
शहीद पारालिया की मां पुष्पा पारलिया राजनेताओं के रवैये से इस कदर खफा थीं कि उन्होंने यहां तक बोल दिया कि यदि कुर्सी बचाने के लिए गद़दारों को मारने में किसी को दिक्कत है तो हम बुजुर्गों को ही बता दो। हम ही इन्हें निपटा आएंगे। गौरतलब है कि गुरुवार की ही तरह 18 साल पहले पुलवामा में सीआरपीएफ के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप पर भी फिदाईन हमला हुआ था। जिसमें 24 वर्षिय कोटा के लाल भारत भूषण पारलिया समेत 11 जवान शहीद हो गए थे।
दो फीट कीचड़ से होकर शहीद के घर पहुंचे हजारों लोग, तब अफसरों को याद आई अपनी नाकाबिलीयत
हक तो दो…
नत्थू लाल पारलिया सरकारों के रवैये से भी खासे नाराज थे। उन्होंने सियासदारों को घडिय़ाली आंसू बहाने से बाज आने की हिदायत देते हुए कहा कि जब भी कोई लाल शहीद होता है सब आंसू बहाने लग जाते हैं, लेकिन उनके आश्रितों को सहूलियतें देना तो दूर उनका हक तक नहीं देतीं। बेटा शहीद हुआ तो घर-मकान और पेट्रोल पंप तक देने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में मुकर गए। मुझे भी नहीं चाहिए थी किसी की खैरात, लेकिन बेटे की पेंशन तो पूरी देते। कह रहे हैं कि शादी नहीं हुई थी इसलिए सिर्फ 75 फीसदी पेंशन मिलेगी।
खुद तो एक दिन संसद जाने को तैयार नहीं रहते उसके बाद भी उम्र भर पेंशन खाते हैं। भत्ते, मकान ही नहीं मुफ्त की यात्राओं के पास तक बनवा लेते हैं और जिन्होंने जिगर का टुकड़ा खोया उसकी पूरी पेंशन तक देने को तैयार नहीं। शहीद पारोलिया के माता-पिता ने सरकार के दोहरे रवैये पर नाराजगी जताई है।