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सावधान ! कर्मचारी अपने सिर की हिफाजत खुद करें …

locationकोटाPublished: Jun 28, 2019 04:02:13 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

kota news जानिए कोटा में ऐसा क्या हुआ की कर्मचारियों के सिर पड़ गए खतरे (danger) में

kota Coaching City Government buildings in jarjar

सावधान ! कर्मचारी अपने सिर की हिफाजत खुद करें …


कोटा. शहर के कई दफ्तरों में कर्मचारी डर के साए में नौकरी करने को मजबूर हैं। जलदाय विभाग और भूजल विभाग समेत कई दफ्तरों की दर-ओ-दीवारों की हालत खस्ता है। हाल यह है की वर्षों से इनकी मरम्मत और पुताई तक नहीं हुई। महिला सुरक्षा व सलाह केन्द्र को तो खुद सुरक्षा Security व परामर्श की जरूरत है।
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बरसात के दिनों में इन भवनों की तस्वीर कर्मचारियों को और डरा रही है। कहीं दीवार कब धम्म से गिर जाए तो कहीं साहब के सिर पर पट्टियां कब खिसक जाए, पता नहीं। थोड़ी सी बारिश होते ही इन भवनों की छतें टपकने लगती हैं। जरा सा अंधड़ आ जाता है तो कर्मचारियों का दिल अनिष्ट की आशंका से धड़कने लगता है।
झाला हाउस मेंजलदाय विभाग
सूरजपोल मोखापाड़ा क्षेत्र स्थित वर्षों पुराने झालाहाउस में जलदाय विभाग का ऑफिस संचालित है। इस कार्यालय में भूतल और प्रथम तल पर एक के बाद एक कई कमरे बने हैं। एक भी कक्ष एेसा नहीं जो सही सलामत हो। पूर्व में यहां अधीशासी अभियंता के कक्ष के छत का प्लास्टर (Ceiling plaster) गिर चुका। इसके बाद कई कक्षों पर ताले पड़ गए। बावजूद सरकार (Government) इस कार्यालय की सुध नहीं ले रही। यह भवन इतना जर्जर (jarjar) हो चुका है कि कभी भी इसका कोई भाग धराशाही हो सकता है।

महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र
झाला हाउस के एक भाग में महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र (Women’s Safety & Advice Center) है। इस केन्द्र के दर व दीवारों के हालात खस्ता है। लंबे चौड़ इस परिसर में कुछ कक्षों में केन्द्र संचालित होता है। जर्जर दीवारों के बीच कर्मचारी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती। केन्द्र की ओर से कई बार भवन की दुर्दशा (durdasha) से अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है।
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बरसात (rain) में तो यहां तलाई बन जाती है, जो जर्जर दीवारों ( walls) और नींव को भीतर ही भीतर खोखला कर रही है। केन्द्र के प्रवेशद्वार से ही इसकी दुर्दशा की कहानी नजर आती है। कीड़े कांटों का भय भी यहां हमेशा रहता है। केन्द्र के सामने रेलिंग गिरने के बाद दोबारा नहीं लगाई गई। जानकारी के अनुसार यहां हर रोज 10 से 15 मामले आते हैं और लोगों के आने-जाने का क्रम बना रहता है।

तबेला हाउस में भूजल विभाग
मोखापाड़ा में तबेला हाउस (Tabela House)में भूजल विभाग का दफ्तर है। यहां भी कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं। कर्मचारियों की सीटों के ठीक उपर से कब छत दरक जाए पता नहीं। सभी कक्षों की दीवारें उखड़ गइ है। इनमें बरसात में पानी रिसता है। इससे कर्मचारियों का बैठना तक मुश्किल हो जाता है। विभाग (Department) की फाइले भी यहां सुरक्षित नहीं। कई पट्टियों को एंगल का सहारा देकर रोका हुआ है।
स्थिति यह है कि एक पट्टी को सहीं करते हैं तो दूसरी जवाब दे जाती है। विभाग की ओर से इसकी कई बार शिकायत की है। अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया, लेकिन समस्या बरकरार है। विभाग के कर्मचारी (employees ) बताते हैं कि कमरों में प्रवेश के पहले दस बार सोचना पड़ता है। यहां कई बार सर्प (Snake) आदि नजर आ चुके हैं।
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