रख-रखाव की व्यवस्था से अब बदलेगी विलंब ट्रेनों की सूरत
समारोह को संबोधित करते हुए संत प्रभाकर ने कहा कि सत्य का साथ कभी मत छोड़ो। जहां सच्चाई होती है, वहां निडरता होती है। परीक्षाएं भले ही देनी पड़े लेकिन जीत सत्य की ही होती है। संत कबीर सत्य के पथिक थे इसलिए उनमें निर्भिकता पूर्वक सत्य को कहने का साहस था। वह न तो किसी प्रलोभन में आए न ही किसी के अगे झुके। वह हमेशा निष्पक्ष रहे और सहिष्णुता की मिसाल ने। प्रभाकर साहेब ने कहा कि धरती के प्राणियों मे सिर्फ आदमी के सुधार की आवश्यकता है। आदमी सुधर जाये तो धरती पर स्वर्ग की कल्पना साकार हो सकती हैं।
समारोह को संबोधित करते हुए संत प्रभाकर ने कहा कि सत्य का साथ कभी मत छोड़ो। जहां सच्चाई होती है, वहां निडरता होती है। परीक्षाएं भले ही देनी पड़े लेकिन जीत सत्य की ही होती है। संत कबीर सत्य के पथिक थे इसलिए उनमें निर्भिकता पूर्वक सत्य को कहने का साहस था। वह न तो किसी प्रलोभन में आए न ही किसी के अगे झुके। वह हमेशा निष्पक्ष रहे और सहिष्णुता की मिसाल ने। प्रभाकर साहेब ने कहा कि धरती के प्राणियों मे सिर्फ आदमी के सुधार की आवश्यकता है। आदमी सुधर जाये तो धरती पर स्वर्ग की कल्पना साकार हो सकती हैं।
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जात-पात मन की स्थिति संत उचित साहेब ने कहा कि जाति धर्म से मनुष्य अलग नही है। उसकी मन की स्थिति ही मानव मानव में भेद पैदा करती है। जिसका आचरण वहीं ब्राह्मण है। साध्वी सुबुद्धि ने कहा कि जो दूसरो कि बुराई खोजने लगता है वह खुद बुरा बन जाता है बुराई से बचना है तो सबमें भला देखने की आदत डाले। संत गुरुबोध ने कहा कि कबीर की वाणी सुनने में अटपटी लगती है किन्तु उसमें मानव में प्रति करुणा झलकती हैं यथार्थ को कहने का कबीर का तरीका बेजोड था ओर जिसे कबीर के शब्द समझ आ गये उसे जीवन को समझते देर नही लगती।
जात-पात मन की स्थिति संत उचित साहेब ने कहा कि जाति धर्म से मनुष्य अलग नही है। उसकी मन की स्थिति ही मानव मानव में भेद पैदा करती है। जिसका आचरण वहीं ब्राह्मण है। साध्वी सुबुद्धि ने कहा कि जो दूसरो कि बुराई खोजने लगता है वह खुद बुरा बन जाता है बुराई से बचना है तो सबमें भला देखने की आदत डाले। संत गुरुबोध ने कहा कि कबीर की वाणी सुनने में अटपटी लगती है किन्तु उसमें मानव में प्रति करुणा झलकती हैं यथार्थ को कहने का कबीर का तरीका बेजोड था ओर जिसे कबीर के शब्द समझ आ गये उसे जीवन को समझते देर नही लगती।
कई सरकारें आई और गई, कोटा के इस इलाके से हमेशा सौतेला व्यव्हार
गूंजे दोहे व भजन सत्संग मे साध्वी सज्जन जीवेश्वरी व भजन गायक रमेश प्रजापति ने संगीत मय भक्तिमय प्रस्तुतिया देकर सभा को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कबीरा खड़ा बाजार में…सरीखे दोहे सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। अंत में गुरुपूजन हुआ व भण्डारे का आयोजन किया जिसमें श्रद्धालुओ ने प्रसाद ग्रहण किया।
गूंजे दोहे व भजन सत्संग मे साध्वी सज्जन जीवेश्वरी व भजन गायक रमेश प्रजापति ने संगीत मय भक्तिमय प्रस्तुतिया देकर सभा को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कबीरा खड़ा बाजार में…सरीखे दोहे सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। अंत में गुरुपूजन हुआ व भण्डारे का आयोजन किया जिसमें श्रद्धालुओ ने प्रसाद ग्रहण किया।
सत्संग में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष रामकुमार मेहता भी शामिल हुए। ट्रस्ट के अध्यक्ष जी. डी पटेल ने आभार व्यक्त किया।