श्रीराम कला मंदिर में मंचित रामलीला के दौरान सुमन्त का वापस अयोध्या लौटना, दशरथ मरण, राम-भरत मिलाप, सूपर्णखा नासिका भंग, रावण दरबार में सूर्पणखा का आगमन, स्वर्ण-मृग का आना, सीता हरण, आकाश मार्ग से जटायु का आना, जटायु वध, हनुमान-राम संवाद, हनुमान चालीसा का दृश्यांकन, राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध, वर्षा ऋतु वर्णन आदि लीलाओं का मंचन किया गया। इससे पहले रामलीला का शुभारम्भ बालिकाओं द्वारा राम वंदना से किया गया। श्रीराम कला मंदिर परिसर में दुर्गा-पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें विधिवत मंत्रोच्चारण एवं पूजा अर्चना के साथ देवी की स्थापना की गई। इस अवसर पर डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के वीनू मेहता, प्रेसीडेन्ट एण्ड बिजनेस हैड (फर्टिलाइजर्स एण्ड सीमेन्ट) भी मौजूद रहे।
दशहरा मेला 2018 के उपलक्ष्य में श्रीराम रंगमंच पर चल रही रामलीला में बुधवार को लंका दहन के दृश्य ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। दर्शक दीर्घा जय हनुमान जय श्रीराम के जयघोष से
गूंजता रहा।
हनुमान की पूछ में आग लगाने के लिए रावण दरबार में राक्षस जैसे-जैसे पूछ में कपड़ा लपेटते गए पूछ लंबी होती चली गई। जैसे ही रावण के आदेश पर उसमें आग लगाई। हनुमान जयश्री राम के उद्घोष के साथ लंका को जलाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लंका दहन की झांकी भी बनाई गई। मेला अधिकारी श्वेता फगेडिया ने बताया कि अतिथि बड़े महाप्रभुजी मंदिर पाटनपोल के आचार्य विनय गोस्वामी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा, आयुक्त जुगल किशोर मीणा ने आरती व पूजन किया।