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कोटा

अवैध वसूली: ‘शराफत से पैसे दे जा, नहीं तो सोच ले तेरा क्या हाल करूंगा, पढि़ए, फॉरेस्ट गार्ड की धमकियां….

Bribe Case, ACB, National Chambal Sanctuary, wildlife sanctuary, Illegal mining : राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य की सुरक्षा में तैनात वन्यकर्मी ही चम्बल में धडल्ले से अवैध खनन करा रहे थे।

कोटाFeb 14, 2020 / 02:19 am

​Zuber Khan

Illegal mining

अवैध वसूली: ‘शराफत से पैसे दे जा, नहीं तो सोच ले तेरा क्या हाल करूंगा, पढि़ए, फॉरेस्ट गार्ड की धमकियां….

कोटा. राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य ( National Chambal Sanctuary ) की सुरक्षा में तैनात वन्यकर्मी ही चम्बल में धडल्ले से अवैध खनन करा रहे थे। ( Illegal mining ) आलम यह था कि यदि कोई ट्रैक्टर ट्राली चालक चौकी पर तैनात कर्मचारियों को पैसा दिए बिना बजरी ले जाता तो वह उसे फोन करके पैसा भेजने के लिए धमकाते थे। ( Illegal Gravel mining ) फॉरेस्ट गार्ड और कैटल गार्ड ने बुधवार की सुबह भी एक ट्रैक्टर चालक गिरीश को बुलाकर पांच हजार रुपए की वसूली की थी। ( Bribe Case ) शाम को दूसरे ट्रैक्टर चालक से वसूली करते हुए एसीबी ने रंगे हाथ धर दबोचा।
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एक दिन में दो बार ली घूस
एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि सोमवार को जब शिकायत का सत्यापन कराया तो कैटल गार्ड दिनेश सिंह और फॉरेस्ट गार्ड मुकेश चंद ने परिवादी नीरज मीणा से एक हजार रुपए की घूस ले ली। दोनों ने नीरज को चार हजार रुपए देने के लिए मंगलवार को बुलाया, लेकिन उस दिन दोनों वसूली में ही जुटे रहे। ट्रेप के लिए गई टीम तीनों दिन सुबह से ही मौके पर मौजूद थी और अवैध खनन का पूरा खेल अपनी आंखों से देख रही थी, लेकिन शिकायत दर्ज कराने वाले परिवादी से बुधवार शाम को घूस ली जानी थी, इसलिए उसका इंतजार किया गया। आला अफसरों ने अवैध खनन रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इससे उनकी मिलीभगत भी प्रतीत होती है। उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी।

पढि़ए, फॉरेस्ट गार्ड की धमकियां…
फॉरेस्ट गार्ड : क्या हुआ तुम आए नहीं?
परिवादी : साहब, पैसों के इंतजाम में लगा हूं
फॉरेस्ट गार्ड : अरे यार, कुछ तो करा दे
परिवादी : एक दो दिन का समय दे दो सारे पैसे
पहुंचा दूंगा
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फॉरेस्ट गार्ड : देख पहले भी पैसा चल रहा था, लेकिन अब पैसा ही नहीं हमारी मर्जी भी चलेगी। हम जिसे चाहेंगे बजरी भरने देंगे और जिसे चाहे नहीं भरने देंगे। तू अपनी सोच ले!
परिवादी : मेरी तो पूरी अर्थव्यवस्था खराब हो रखी है! कहां से लाऊं इतने

पैसे पहले इंतजाम तो कर लूं ।
फॉरेस्ट गार्ड : तेरी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई तो हम क्या करें! तू हमारी क्यों बिगाडऩे पर तुला है! अबे कुछ तो इंतजाम कर! आज तो तुझे कुछ पैसे देकर ही जाने होंगे!

परिवादी : कम से कम कितने कर दूं
फॉरेस्ट गार्ड : एक हजार रुपए तो देकर ही जा। दो महीने से ऊपर हो गए अभी तक धेला भी नहीं दिया तूने और ये भी नहीं हों तो तेरे पास जितने पड़े हों उतने देजा।

परिवादी : कोशिश करता हूं साहब आज कुछ पैसे लाने की
फॉरेस्ट गार्ड : देख ऐसा है, हमारे हिसाब से नहीं चलेगा तो फिर मत कहना कि समझाया नहीं। शराफत से पैसे दे जा नहीं तो तुझे पता नहीं है तेरा क्या हाल करूंगा।
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