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थानाधिकारी मुनीन्द्र सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र की अमन कॉलोनी निवासी इनाम खां ने 31 जुलाई को पुलिस में दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। अप्रेल में उसके मोबाइल पर एक मैसेज प्राप्त हुआ। जिसमें नीट परीक्षा द्वारा आवंटित होने वाली एमबीबीएस की राजकीय सीट पर प्रवेश दिलाने की बात कही गई थी। इस पर प्रार्थी ने मैसेज भेजने वाले युवक शेखर से मोबाइल पर बात की। उसने राजस्थान के ही किसी राजकीय मेडिकल कॉलेज में 30 लाख रुपए के अनुदान की एवज में उसकी पुत्री को प्रवेश दिलाने का भरोसा देकर उससे पोस्ट डेटेड चैक सौरभ श्रीवास्तव के नाम पर ले लिए।
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आरोपियों ने प्रवेश के लिए इनाम खां को इन्द्रप्रस्थ कोचिंग इन्स्टीट्यूट, बागर, झुंझुनू के संचालक जयसिंह शेखावत से बात करने को कहा। 30 जून को सौरभ श्रीवास्तव तथा शेखर के बुलाने पर इनाम खां उनसे जयपुर में जाकर मिला। उन्होंने परिवादी के पोस्ट डेटेड चैक वापस नहीं लौटाए व जल्द कार्य करने का आश्वासन दिया। लेकिन आरोपियों ने 5 लाख रुपए देने की मांग की। इनाम के मना करने पर उन्होंने 3 लाख रुपए मांगे। इस पर इनाम ने 8 जुलाई को सौरभ श्रीवास्तव के बैंक खाते में 3 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 29 जुलाई को जयसिंह शेखावत ने फोन करके प्रवेश की गारंटी लेते हुए 2 लाख रुपए और मांगे। इनाम को धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ तो उसने विज्ञाननगर पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की। इसमें मुनीन्द्र सिंह के नेतृत्व में एएसआई अमरचंद, साइबर सैल के हेड कांस्टेबल प्रताप सिंह, रामप्रताप व सुरेन्द्र को शामिल किया।
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टीम 1 अगस्त को भीलवाड़ा के रायला के पास से बिहार के सीतामणी जिले के बेलसंड निवासी हाल मुकाम हरियाणा के गुरुग्राम निवासी सौरभ श्रीवास्तव (34) व झुन्झुनु जिले के बगड़ थाने के काली पहाड़ी निवासी जयसिंह शेखावत (52) को हिरासत में लेकर कोटा लाई। आरोपियों के खिलाफ जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर शनिवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से जयसिंह को जेल भेज दिया। जबकि सौरभ को 5 अगस्त तक रिमांड पर लिया है। Rea More: हाड़ौती में झमाझम बारिश से उफनी मेज नदी, 7वें दिन भी बंद रहे रास्ते, परवन नदी की रपट पर 4 फीट पानी
देशभर में नेटवर्क
आरोपियों का सभी राज्यों में नेटवर्क है। आरोपी कोचिंग संस्थाओं व परीक्षा के समय छात्रों के बारे में जानकारी जुटाते थे। शेखर उनके मोबाइल पर एमबीबीएस में डोनेशन के आधार पर एडमिशन का मैसेज भेजता। लोगों के फोन आने पर सौरभ व जयसिंह उसे विश्वास में लेते व रुपयों की डिमांड करते। झांसे में आए व्यक्ति को उनके निकट रहने वाले नेटवर्क वाले व्यक्ति के जरिए मिलते और धोखाधड़ी कर रुपए हड़प लेते।
पूर्व में भी कर चुका ठगी
सौरभ पूर्व में वर्ष 2015 में गुडगांव के सुशांत लोक थाने में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर ठगी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका। आधार कार्ड में उसका पता महाराष्ट्र के ठाणे का है। यह वहां किराए पर रह रहा था। सौरभ के परिजन हरियाणा के गुडगांव में रहते हैं। सौरभ के बैंक रिकार्ड में उसका पता गुजरात के कच्छ जिले के शक्तिनगर निवासी पाया गया। जबकि ड्रायविंग लाइसेंस व पासपोर्ट पर पता हरियाणा के गुरुग्राम का है। दोनों आरोपी झालावाड़ जिले के डग में भी मामले में वाछिंत हैं।