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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: अब सिर्फ इन किसानों को ही मिलेगा सहकारी बैंकों से ऋण, इनका कटा पत्ता

locationकोटाPublished: Apr 19, 2019 11:08:22 am

Submitted by:

​Zuber Khan

राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए फसली ऋण पर किसानों की कैटेगरी बांट दी है। इस फैसले के मुताबिक अब हर किसान को फसल के लिए सहकारी बैंकों से ऋण नहीं मिल पाएगा।

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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: अब सिर्फ इन किसानों को ही मिलेगा सहकारी बैंकों से ऋण, इनका कटा पत्ता

कोटा. Rajasthan Government की ओर से किसानों की कर्ज माफी कर खूब वाहवाही लूटी गई, लेकिन cooperative bank को ऋण राशि का पुनर्भरण नहीं होने से Cooperative banks की वित्तीय स्थिति डांवाडोल हो गई। खरीफ के लिए ऋण देने में बैंकों के सामने नकदी का संकट खड़ा हो गया है। crop loan recovery नहीं होने से सहकारी बैंक घाटे में आ गए हैं। ऐसे में सरकार ने सहकारी बैंकों को फूंक-फूंक कर कदम रख ऋण बांटने के आदेश दिए हैं। इसके लिए ऋण बांटने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
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सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार की ओर से सहकारी भूमि विकास बैंकों की भी ऋण नीति जारी कर दी है। इसमें कहा कि ऋण किसान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकलन करने के बाद ही ऋण बांटा जाना चाहिए। ऋण वसूली में कोताही नहीं चलेगी। ऋण बांटने वाले शाखा सचिवों की भी जवाबदेही तय की गई है। ऋण वसूली नहीं हुई तो उनसे वसूली की जाएगी। आदेश के तहत भूमि विकास बैंकों के स्तर पर वसूली में गिरावट एवं एनपीए में वृद्धि होने के कारण इन बैंकों की आर्थिक स्थित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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हाड़ौती के चारों भूमि विकास बैंक घाटे में
विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 36 भूमि विकास बैंकों में ज्यादातर घाटे में संचालित हैं। कोटा का भूमि विकास बैंक करीब छह करोड़ घाटे में चल रहा है। बूंदी, बारां तथा झालावाड़ के भूमि विकास बैंक भी इतनी ही राशि के घाटे में चल रहे हैं।
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ये पालना जरूरी
-अनियमित और गलत ऋण स्वीकृत व वितरण नहीं किया जाएगा।
-जमानत देने वालों के आधार नम्बर, पेन नम्बर व अन्य दस्तावेज अपने रिकॉर्ड में रखना होगा।
-ऋण स्वीकृति के पूर्व प्रार्थी के भूमि स्वामित्व संबंधी आवश्यक दस्तावेज जमाबंदी, टाइटल डीड, कब्जा काश्त प्रमाण पत्र आदि प्राप्त किए जाएंगे।
-प्राथमिक बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति के लिए निर्धारित समय सीमा की पालना सुनिश्चित की जाएगी।
-ऋण की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का पूर्ण आकलन किया जाकर सही एवं पात्र व्यक्ति के ही ऋण स्वीकृत किए जाएंगे।
-ऐसे ऋण जो वितरण के प्रथम दो-तीन वर्ष में ही अवधिपार हो जाते हैं, उनका सत्यापन किया जाएगा। अनियमितता पाए जाने पर बकाया ऋण को एकमुश्त ही वसूल किया जाएगा। ऋण की रहनशुदा जमीन बेच कर वसूली करें।
-भविष्य में अनियमित या गलत ऋण वितरण करने तथा वसूली में कोताही बरने पर संबंधित शाखा प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। वसूली का दायित्व निर्धारित होगा।
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